जल संरक्षण को लेकर Sonipat का कृषि एवं किसान कल्याण विभाग धान की सीधी बजाई करवाने को लेकर किसानों को लगातार जागरुक कर रहा है और ऐसे में 15 जून से पहले किसान लगातार धान की सीधी बिजाई कर रहे हैं। हालांकि नर्सरी के माध्यम से धान की रोपाई करने का समय 15 जून रखा गया है। सीधी बिजाई करने से 40%पानी की बचत होती है, वहीं किसान का खर्च भी कम आता है। सीधी बिजाई में अच्छी पैदावार भी होती है। नर्सरी के माध्यम से धान की रोपाई की तैयारी कर रहे किसानों ने कहा है कि गांव में खेतों में बिजली की समस्या से परेशान है ऐसे में आगामी दिनों में भी यही स्थिति रही तो किसानों को परेशानी होगी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी डॉक्टर पवन कुमार शर्मा ने बताया प्रदेश सरकार के निर्देश के मुताबिक के 15 जून से धान रोपायी का कार्य शुरू होगा। हालांकि इससे पहले धान की सीधी बिजाई कृषि विभाग लगातार करवा रहा है। गौरतलब है कि इस सीजन में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य 20000 एकड़ का इस बार के लिए दिया गया था। पिछली बार 17949 एकड़ में धान की सीधी रोपाई हुई थी। किसानों से धान की सीधी बिजाई करने की अपील के साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाएं।
सीधी बिजाई करने पर सरकार दे रही अनुदान

प्रदेश सरकार द्वारा 4 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सीधी बिजाई करने पर अनुदान दिया जाता है। क्योंकि सीधी बिजाई करने से 40 प्रतिशत पानी की बचत होती है, बल्कि किसान का खर्च भी काम आता है। सीधी बिजाई में भी अच्छी पैदावार होती है।
गौरतलब है कि धान की खेती के लिए दो प्रकार की प्रक्रिया रहती है। जिसमें एक प्रक्रिया धान की सीधी बिजाई रहती है और दूसरी प्रक्रिया में नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं और उसके बाद उन्हें रोपाई के माध्यम से फसल तैयार की जाती है। दोनों प्रक्रिया में सीधी बिजाई करने से किसानों को अनुदान राशि सरकार दे रही है और वहीं सीधी बिजाई करने से जल की भी बचत होती है। जल संरक्षण करने को लेकर सरकार का यह बेहतरीन प्रयास है।