Haryana की 116 वर्षीय बुजुर्ग भगवानी देवी विधानसभा चुनाव में अपना मतदान करेगी। भगवानी देवी सोनीपत लोकसभा के अंतर्गत गोहाना के गाँव जागसी की रहने वाली है और आज भी संयुक्त परिवार में रह रही है 116 वर्षीय भगवानी देवी और 95 वर्षीय भतेरी देवी दोनों सगी बहन है और दोनों का एक दूसरे के प्रति प्यार मिसाल बनी हुई है। भगवानी देवी आंखों से देख नहीं सकती और सुनने में भी परेशानी होती है। 95 वर्षीय भतेरी अपनी बहन भगवानी के लिए किसी सारथी से कम नहीं है।
विधानसभा चुनाव में प्रत्येक मतदाता वोट डाले इसके लिए निर्वाचन विभाग लगातार लोगों को जागरूक करता रहता है, लेकिन गोहाना क्षेत्र के गांव जगसी की रहने वाली 116 वर्षीय बुजुर्ग महिला इन दिनों मिसाल बनी हुई है। भगवानी देवी बरोदा विधानसभा में आने वाले गाँव जागसी में अपना वोट डालेंगी। कमर से झुकी हुई यह बुजुर्ग महिला आंखों से देख नहीं सकती और कानों से भी बहुत कम सुनाई देता है, लेकिन 116 वर्षीय भगवानी की आंख और कान उसकी बहन भतेरी बनी हुई है।
मतदान केंद्र पर जाकर वोट डालने की इच्छा
भगवानी देवी उम्र के शतक को पार करके आज भी अपने परिवार को एकता के सूत्र में बांधे रखे हुए हैं आधुनिकता के इस युग में जहां परिवार बिखर जाते हैं वही गाँव जागसी का यह परिवार आज भी संयुक्त रूप से एक साथ रह रहा है। भगवानी देवी की बहन भतेरी बताती है कि पहले कागज पर मोहर लगाकर उसे एक डिब्बे में डाला जाता था लेकिन एक डिब्बे से लेकर आज आधुनिकता के इस दौर में भी दोनों बहन विधानसभा चुनाव में परिवार के साथ मतदान केंद्र पर जाकर वोट देने की इच्छा है, लेकिन अब दिखाई नहीं देने व कम सुनने की वजह से परिवार के सदस्य चाहते हैं कि वो इस बार घर से अपना वोट डाले।
प्रत्येक चुनाव में अपना वोट डालने जाती है
वही बुजुर्ग महिला के बेटे दिनेश ने बताया कि उनकी बड़ी माँ भगवानी 116 साल की है और छोटी माँ भतेरी 95 वर्ष की है प्रत्येक चुनाव में अपना वोट डालने जाती है और सबको भी एक मैसेज देती है कि वोट सभी को डालना चाहिए। छोटी दादी भतेरी परिवार की सबसे बड़ी दादी भगवानी के लिए एक सहारा बनकर रहती हैं भगवानी देवी उम्र के इस पड़ाव में आकर दिन भर भगवान का नाम जपती रहती है और उनका व्यवहार एक बच्चे की तरह ही हो चला है और पूरा परिवार उन्हें बहुत ज्यादा प्यार करता है। उन्हें पोते के बच्चों से भी बेहद ज्यादा लगाव है।
उम्र का शतक पूरा करके आगे बढ़ी
पोती विनीता ने अपनी दोनों दादियों के बारे में बताती है कि दादी उन्हें बहुत सारी कहानियां सुनाती है और अपने बचपन के किस्से भी उन्हें कई बार सुनाती है। दादी से जब भी बात करते हैं तो उनके कानों के पास जाकर तेज बोलना पड़ता है और तभी एक दूसरे से बातचीत कर पाते हैं।
गौरतलब है कि भगवानी देवी की लंबी आयु के पीछे उनका अच्छा खानपान रहा है और वहीं उन्होंने अपनी जीवन शैली को मैं तो देते हुए हमेशा खान-पान का ध्यान रखा है। उम्र का शतक पूरा करके आगे बढ़ी है परिवार के पोता-पोती उनके खानपान का विशेष ध्यान रखते हैं।