Sonipat me nagrik asptaal me insaniyat hue sharmsaar 14 logo ko aapatkaleen kaksh se nikala bahar

सोनीपत में नागरिक अस्पताल में इंसानियत हुई शर्मसार, 14 लोगों को आपातकालीन कक्ष से निकाला बाहर

सोनीपत

सोनीपत के नागरिक अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है। जहां पर नागरिक अस्पताल में आपातकालीन घायलों को यह कहकर बाहर निकाल दिया गया कि यह कोई धर्मशाला नहीं है, कहीं बाहर चले जाओ। दर्द से तड़पते हुए घायलों ने नागरिक अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए सीएमओ कार्यालय के सामने अपना बिस्तर लगा लिया। दर्द में तड़पते रहे और किसी ने कोई सुध नहीं ली।

मीडिया के दखल के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और बाद में आनन फानन में दोबारा स्टेचर मंगवाकर एडमिट करने को कहा, लेकिन घायलों ने अस्पताल की अव्यवस्था और कर्मचारियों के व्यवहार से दुखी होकर जाने से मना कर दिया। वहीं पूरे मामले को लेकर पीएमओ ने जांच के आदेश देकर कार्रवाई करने की बात कही है।

आपातकालीन कमरे में एडमिट हुए थे 15 लोग

सोनीपत के नागरिक अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। सड़क हादसे में घायल 15 लोग आपातकालीन कमरे में एडमिट हुए थे। जिनमें से एक महिला को गंभीर हालत के चलते रोहतक पीजीआई में रेफर कर दिया गया। इसी दौरान 14 अलग-अलग घायल आपातकालीन कक्ष में रहे। जिनमें से कुछ मरीजों को एक्स-रे करवाने को लेकर डॉक्टर ने लिखा एक्स-रे मशीन खराब होने के चलते नहीं हो पाए। दूसरी तरफ आपातकालीन कक्ष में कर्मचारियों द्वारा जनरल वार्ड में शिफ्ट करने की बजाय उन्हें यह कहकर बाहर निकाल दिया गया कि यह कोई धर्मशाला नहीं है, जहां जाना है चले जाओ, यहां पर जगह नहीं है।

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1 घंटे तक कोई लेने नहीं पहुंचा सुध

ज्यादातर घायल ज्यादातर दर्द में तड़प रहे थे और बेहतरीन इलाज के लिए जरूरत महसूस हो रही थी पैसे में उन्हें किसी वार्ड में शिफ्ट करने की बजाय बाहर जाने के लिए कह दिया गया। सभी घायलों को जब अस्पताल में जगह नहीं मिली तो घायलों ने अपना बिस्तर सीएमओ कार्यालय के बाहर लगाया और करीबन 1 घंटे तक उनकी सुध बुध लेने वाला कोई भी नहीं पहुंचा। मीडिया के दखल के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जहां घायलों ने बताया कि वे राजस्थान के गोगामेड़ी से दर्शन करके लौट रहे थे और वही केएमपी के नजदीक पिकअप गाड़ी में पंचर होने के कारण सड़क हादसा हो गया और सभी घायल यूपी के संभल के रहने वाले हैं और गोगामेड़ी से अपने गांव जा रहे थे।

मीडिया के दखल के बाद मचा हड़कंप

वहीं घायलों को नागरिक अस्पताल में आपातकालीन कक्ष में भर्ती कराया गया और प्राथमिक उपचार के बाद ऐसे करवाने के लिए कहा गया तो एक-रे नहीं हो पाए। उसके बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें बाहर जाने को कहा गया। वहीं दर्द से तड़पते हुए घायलों ने अपना बिस्तर सीएमओ कार्यालय के सामने लगाया, हालांकि मामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद भी करीबन 1 घंटे तक घायल तड़पते रहे, बाद मीडिया के दखल के बाद हड़कंप मचा तो अधिकारियों ने कार्रवाई करने की बात कही है।

दोषी के खिलाफ होगी कार्रवाई : प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर

नागरिक अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर का कहना है कि मामले को लेकर जांच करवाएंगे और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि नागरिक अस्पताल में जहां गरीब और असमर्थ लोग अपने इलाज करने के लिए पहुंचते हैं, तो उनके साथ इस प्रकार का बर्ताव आम आदमी हॉस्पिटल के प्रति विश्वासखत्म होता जा रहा है। अस्पताल में जहां अवस्थाओं का अंबार है ऐसे में खुले में लेटना प्रशासन की कार्यशैली को चुनौती है। हालांकि देखना होगा कि पूरे मामले को लेकर किस प्रकार की कार्रवाई नागरिक अस्पताल के अधिकारी करते हैं। वही मीडिया के दखल के बाद प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर ने दोबारा से मरीजों को एडमिट करने के लिए स्टेचर मंगवाएं, लेकिन अस्पताल की अव्यवस्था और कर्मचारियों के व्यवहार को देखकर दोबारा भर्ती होने से मना कर दिया।