Sonipat पैरा ओलंपिक खिलाड़ी धर्मवीर को अर्जुन अवार्ड, नौकरी की उम्मीदों के साथ जताई निराशा

Sonipat पैरा ओलंपिक खिलाड़ी धर्मवीर को अर्जुन अवार्ड, नौकरी की उम्मीदों के साथ जताई निराशा

सोनीपत

Sonipat के पैरा ओलंपिक खिलाड़ी धर्मवीर को अर्जुन अवार्ड मिलने पर खुशी का माहौल है, लेकिन उन्होंने अपने दर्द को साझा करते हुए कहा कि यदि इस अवार्ड के साथ उन्हें नौकरी भी मिलती, तो खुशी दोगुनी हो जाती। 2018 के एशियन गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिली, जबकि कई अन्य खिलाड़ियों को क्लास वन की नौकरी दी गई थी।

धर्मवीर ने सरकार और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “एशियन गेम्स में कुछ खिलाड़ियों को क्लास वन की नौकरी दी गई थी, लेकिन किस आधार पर यह चयन हुआ, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा रहा है। जिन खिलाड़ियों को नौकरी नहीं मिली, उनका क्या होगा?”

धर्मवीर ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की थी, और मुख्यमंत्री ने उन्हें 10 जनवरी को अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया था।

धर्मवीर ने कहा, “एक खिलाड़ी का सपना होता है कि ओलंपिक में मेडल जीतकर अर्जुन अवार्ड या खेल रत्न मिले, लेकिन इस बार मुझे उम्मीद थी कि मुझे खेल रत्न मिलेगा। पिछली बार ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सीधा खेल रत्न दिया गया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।”

2018 के एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने के बावजूद धर्मवीर को क्लास वन की नौकरी नहीं दी गई। उन्होंने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें जीत मिली थी, लेकिन अभी तक नौकरी का कोई समाधान नहीं निकला।

धर्मवीर ने कहा कि 2018 के एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को खेल रत्न से नवाजा गया था, जबकि उन्होंने भी सिल्वर मेडल जीता था, लेकिन उन्हें इस सम्मान से वंचित रखा गया। उनका दर्द साफ झलक रहा था, और उनका मानना है कि सरकार और अधिकारियों को इस मामले में स्पष्टता और जवाबदेही दिखानी चाहिए।

धर्मवीर की यह कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की निराशा नहीं, बल्कि उन सभी खिलाड़ियों की आवाज है जिन्हें उनके मेहनत और संघर्ष के बावजूद उचित सम्मान और नौकरी नहीं मिली।

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