OP जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में संविधान दिवस के मौके पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में राई से विधायक कृष्ण गहलावत, सोनीपत की विधायक निखिल मदान, खरखौदा के विधायक पवन खरखौदा और गन्नौर से विधायक देवेंद्र कादियान विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने संविधान दिवस के अवसर पर 75वीं वर्षगांठ पर बधाई दी और इस ऐतिहासिक दिन को मनाने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण में विभिन्न परिवारों के सदस्य शामिल रहे, जिन्हें सम्मानित करना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के संविधान का दुनिया में लोहा माना जा रहा है और इसे अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बधाई दी, जिन्होंने 2015 से संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया था।

राज्यपाल ने संविधान को केवल एक किताब नहीं, बल्कि गीता और बाइबल की तरह बताया, जो देश के हर नागरिक के लिए एक मार्गदर्शक बनकर कार्य करता है। उन्होंने ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में बनाए गए संविधान म्यूजियम को अद्भुत और अलौकिक बताया और यह सुझाव दिया कि ऐसा म्यूजियम हर राज्य में स्थापित किया जाना चाहिए।

संविधान में अधिकार और कर्तव्यों की चर्चा
बंडारू दत्तात्रेय ने संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों की चर्चा की और कहा कि संविधान ने मनुष्य और जीव-जंतु सभी के हित के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान हमें अपने कर्तव्यों को समझाता है और यदि हर नागरिक अपनी ड्यूटी पूरी करता है तो देश आगे बढ़ेगा।

बाबा साहब अंबेडकर को श्रद्धांजलि
राज्यपाल ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें सिर्फ दलितों का नेता नहीं, बल्कि देश का महान नेता बताया। हिंदी भाषा के महत्व पर चर्चा करते हुए बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वह अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

संविधान म्यूजियम की विशेषताएँ
ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में देश का पहला संविधान म्यूजियम स्थापित किया गया है, जो 75 वर्षों की संवैधानिक यात्रा को प्रदर्शित करता है। इस म्यूजियम में ऑडियो-वीडियो प्रारूप में मूल हस्तलिखित दस्तावेज और प्रेरणादायक कलाकृतियाँ शामिल की गई हैं।