Haryana News : हरियाणा के जिला सोनीपत में डिलीवरी के दौरान महिला और उसके नवजात बच्चे की संदिग्ध हालात में हुई मौत से पर्दा उठ गया है। जांच में सामने आया है कि मां-बेटे की जान महिला डॉक्टर की लापरवाही और अस्पताल में चिकित्सा सुविधा के अभाव के कारण हुई। मेडिकल बोर्ड ने अपनी जांच में बताया कि महिला के गर्भाशय की ग्रीवा फट गई थी। यह अपने आप में कठिन केस है। इस आपात स्थिति का सामना करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। पुलिस ने डॉक्टर और नर्स पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। रिपोर्ट में अस्पताल की व्यवस्था और लापरवाही पर गंभीर टिप्पणी की गई है।
गौरतलब है कि खरखौदा शहर के वार्ड नंबर 15 स्थित एकता चौक निवासी लक्ष्मी उर्फ रीना पत्नी नवीन सैनी को 7 जुलाई 2023 को डिलीवरी के लिए शहर के कैलाश अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रीना ने देर रात 11 बजे एक बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन पैदा हुए बच्चे की कुछ देर बाद ही खुशियां मातम में बदल गई। इसके बाद डॉक्टरों ने रीना को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया, वहां जांच के बाद डॉक्टर ने रीना को भी मृत घोषित कर दिया गया। वहीं रीना के पति नवीन सैनी के अनुसार जब वह नवजात बच्चे को नहलाने लगे तो उसके सिर और चेहरे पर चोट के निशान दिखाई दिए। बच्चे के शव के बाईं तरफ के होठ पर कट और सिर के बाई तरफ की खाल उतरी हुई थी। परिजनों का आरोप था कि लक्ष्मी और नवजात शिशु की मौत नर्स और डॉ. निकिता उर्फ नेहा की लापरवाही के कारण हुई है।
सूचना मिलने पर पुलिस रीना के घर पहुंची और बच्चे व उसकी मां के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सोनीपत के सरकारी अस्पताल में भिजवाया। बताया जा रहा है कि महिला और नवजात की मौत की जांच डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड द्वारा की गई। बोर्ड ने अब पुलिस को रिपोर्ट दी है कि दोनों की मौत डॉक्टर की लापरवाही और अस्पताल में पर्याप्त इलाज सुविधा न होना जिम्मेदार है। महिला की गर्भाशय ग्रीवा फट गई थी। योनि प्रसव के बाद गर्भाशय का टूटना एक दुर्लभ मामला है। मरीज को समझाया गया था। जरूरत पड़ने पर आपातकालीन स्थिति में सिजेरियन की सहमति ली गई थी, लेकिन अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन/पीपीएच प्रबंधन की सुविधा नहीं थी।
वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मरीज की मौत प्रसवोत्तर रक्तस्राव और उसकी जटिलताओं के कारण हुई। इलाज कर रही डॉ. निकिता और कैलाश अस्पताल उच्च जोखिम गर्भावस्था और पीपीएच की जटिलता का उचित प्रबंधन नहीं करने के लिए चिकित्सकीय लापरवाही के दोषी हैं। कैलाश अस्पताल में सामान्य प्रसव से संबंधित किसी भी आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए पैनल पर उचित ऑपरेशन थिएटर और स्त्री रोग विशेषज्ञ/सर्जन/बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। इस संबंध में थाना खरखौदा के एएसआई मुनीष का कहना हे कि महिला और नवजात की मौत के करीब 9 महीने बाद नवीन की शिकायत के आधार पर कैलाश अस्पताल की डॉक्टर निकिता और एक आशा नर्स के खिलाफ धारा 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है।