Haryana Government Schools

Haryana Government Schools में छूट रहे गुरुजी के पसीने, 3 वर्षों से लगातार घट रही विद्यार्थियों की संख्या, लुभावने तरीकें भी नहीं आ रहे बढ़ोतरी में काम

सोनीपत

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में सरकार जहां बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध करवाने को  कराने को लेकर प्रयास कर रही है, वहीं जिला सोनीपत में पिछले 3 वर्षों में सरकारी स्कूलों में जिला शिक्षा विभाग और शिक्षक वर्ग बच्चों की संख्या बढ़ाने में असफल साबित हो रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो पहली कक्षा में ही विद्यार्थियों की संख्या प्रतिवर्ष घटती जा रही है। सोनीपत के खंड गन्नौर, गोहाना, कथूरा, खरखौदा मुड़लाना और सोनीपत अलग-अलग ब्लॉक में स्थित सरकारी स्कूलों में  पहली कक्षा में एडमिशन कराने को लेकर काफी मशक्कत कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद सरकारी स्कूलों में पिछले 3 वर्षों में दाखिले बढ़ने की बजाय घट रहे हैं।

गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों की रुचि कम हो रही है। जहां एक तरफ शिक्षा विभाग 2024-25 के सेशन में संख्या बढ़ाने को लेकर जोर दे रहा है। साथ ही अलग-अलग तौर तरीके अपना रहा है, लेकिन इसके बावजूद एडमिशन में बढ़ोतरी कर पाने में टीचर नाकाम साबित हो रहे हैं। आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में 10684 विद्यार्थियों का पहली कक्षा में एडमिशन हुआ। वहीं वर्ष 2022-23 के शैक्षणिक स्तर में पहली कक्षा में एडमिशन की बढ़ोतरी होने की बजाय एडमिशन का ग्राफ गिर गया। इस सेशल में 7987 विद्यार्थियों ने ही एडमिशन लिया। वहीं वर्ष 2023-24 के सेशन में 6339 बच्चे ही एडमिशन ले पाए।

विद्यार्थी सोनीपत

बता दें कि प्रतिवर्ष सरकारी स्कूल में पहली कक्षा में घटने वाला आंकड़ा चौंकाने वाला है। सरकारी विद्यालयों में जहां प्रदेश की सरकार हर प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है, इसके बावजूद सरकारी विद्यालयों में एडमिशन का ग्राफ प्रतिवर्ष घट रहा है। पहली कक्षा में ही एडमिशन करवाने को लेकर सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं। वहीं केवल पहली कक्षा में ही यह स्थिति नहीं है, बल्कि कक्षा पहली से पांचवी में सोनीपत जिले में  विद्यार्थियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। वहीं जहां पहले वर्ष 2021-22 के सेशन में पहली कक्षा में करीबन 55050 विद्यार्थी थे। वहीं साल 2022-23 के सेशन में यह ग्राफ घटकर जिले में 49313 पर जा पहुंचा। स्थिति यही तक सीमित नहीं है, बल्कि अगले बरस के सेशन 2023 24 में केवल 43431 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया। विद्यार्थियों और अभिभावकों की रुचि सरकारी स्कूल के प्रति खत्म होती जा रही है। इसके लिए बहुत सारे कारण जिम्मेदार माने जा सकते हैं।

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वहीं ग्रामीण स्तर पर ऐसे विद्यालयों की बात करें तो जहां पर डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं, लेकिन उनका प्रयोग नहीं होता। या तो डिजिटल बोर्ड चलाने के लिए बिजली की व्यवस्था नहीं होती या फिर चलाने के लिए ऑपरेटर भी नहीं होता है। स्थिति यह भी है कि विद्यालय में बहुत कम टीचर बच्चों को पढ़ाने में रुचि लेते हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का रिजल्ट का ग्राफ भी लगातार गिरता जा रहा है। यह एक सोचने का विषय है कि जहां सरकार लाखों रुपये की सैलरी के साथ टीचरों को अलग-अलग विद्यालय में नियुक्त किए हुए हैं। ऐसे में निजी स्कूलों में बहुत कम सैलरी में पढ़ाई करते हुए सरकारी स्कूल के मुकाबले अच्छा रिजल्ट देते हैं।

कक्षा पहली से 12वीं कक्षा तक के बच्चों की स्ट्रेंथ की बात की जाए तो वर्ष 2021-22 के सेशन में करीबन 125818 बच्चे विद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे। वहीं वर्ष 2022-23 की सेशन में सोनीपत जिले में पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या करीबन 116547 रह गई। वहीं 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों की संख्या का ग्राफ और भी नीचे चला गया। जिला सोनीपत में करीबन 10 लाख 69 हजार 57 ही विद्यार्थी रह गए हैं। सीधे तौर पर एक साल में इनकी गिनती करीबन 10 हजार कम हो गई।

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया ने बताया कि वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक स्तर में जिला शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों की बढ़ोतरी को लेकर पूरे प्रयास किया जा रहे हैं। इस बार प्रत्येक विद्यालय में टारगेट देकर एडमिशन कराना सुनिश्चित किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी और टीचर गांव-गांव जाकर लगातार  एडमिशन बढ़ाने को लेकर प्रयास कर रहे हैं। जिन कक्षाओं के टीचरों द्वारा विद्यार्थियों की स्ट्रेंथ को बढ़ाया जाएगा, उनको 5 सितंबर को सम्मानित भी कराया जाएगा। साथ ही उनकी उपलब्धि उनकी एनुअल रिपोर्ट में भी शामिल की जाएगी।