Sonipat खरखौदा क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां गौ-तस्करी का धंधा करने वालों की साजिश नाकाम कर दी गई। गौ रक्षक दल की सतर्कता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से 13 गायों को बचा लिया गया, जबकि 6 गौवंश मृत अवस्था में मिले।
कैसे पकड़ा गया यह मामला?
गौ रक्षक आनन्द कुमार को गुप्त सूचना मिली कि एक लाल रंग का कैंटर गौवंश को क्रूरता से भरकर ले जाया जा रहा है। आनन्द कुमार ने अपने साथियों सचिन और निशांत के साथ मिलकर खरखौदा-सांपला रोड पर रोहणा नहर पुल के पास घात लगाकर इंतजार किया। कुछ ही देर में हसनगढ़ की ओर से आता हुआ संदिग्ध कैंटर दिखाई दिया। जब उन्होंने अपनी गाड़ी आगे लगाकर इसे रुकवाया, तो चालक और एक अन्य व्यक्ति वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गए।
कैंटर में भयानक मंजर
जब कैंटर को खोला गया तो अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला था। 19 गौवंश सवार थे, जिनमें से 6 मृत अवस्था में थे, जबकि 13 गौवंश जीवित मिले। वाहन में न तो चारा था, न ही पानी, जिससे जाहिर था कि इन्हें बेहद क्रूरता से भरकर ले जाया जा रहा था। इतना ही नहीं, पुलिस जांच में पाया गया कि कैंटर के इंजन और चेसिस नंबर को जानबूझकर मिटाया गया था, ताकि वाहन की पहचान छिपाई जा सके।
गौ-रक्षकों की तत्परता और पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही SI अशोक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। हालात को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और कैंटर को कब्जे में लेकर गौवंश को सुरक्षित नगर पालिका खरखौदा की नंदीशाला पहुंचाया। पशु चिकित्सकों की टीम को बुलाकर गौवंश की जांच करवाई गई। मामला दर्ज किया गया है। पुलिस फरार आरोपियों की पहचान करने और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।