हरियाणा के जिला सोनीपत की बेटी मुद्रा रहेजा ने एचसीएस की परीक्षा में उत्तीर्ण करने के साथ छठा रैंक भी हासिल किया है। बेटी की उपलब्धि को लेकर हर कोई उन्हें बधाई दे रहा है। मुद्रा रहेजा ने बिना कोचिंग लिए और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर अपने लक्ष्य को साधने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ाने के लिए त्याग करके लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।
आज के दौर में बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। दृढ़ संकल्प से बेटियां लगातार आगे बढ़ रही हैं। सोनीपत की बेटी मुद्रा रहेजा ने एचसीएस की परीक्षा में प्रदेश में छठा रैंक हासिल किया है। मुद्रा की इस उपलब्धि पर परिजनों को बधाई देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। सोशल मीडिया से दूरी बनाकर बिना कोचिंग के सफलता हासिल करके मुद्रा रहेजा ने अपना परचम लहराया है। मुद्रा रहेजा ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक परीक्षा हिंदू विद्यापीठ से प्राप्त की। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से की है।
प्रश्नों के उत्तर देने के साथ बनाएं डायग्राम, समय का रखा पूरा ध्यान
मुद्रा रहेजा ने कहा कि स्नातक करते समय ही उन्होंने यूपीएससी करने का संकल्प लिया था। स्नातक के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी थी। एचसीएस का उनका यह दूसरा प्रयास था, जिसमें वह सफल रही। उन्होंने बताया कि यूपीएससी के लिए की गई तैयारी का उन्हें यहां फायदा मिला है। इससे पहले एचसीएस की परीक्षा में 90 पेज की बुकलेट भरने के लिए उन्होंने पूरी तैयारी की थी। प्रश्नों के उत्तर देने के साथ ही डायग्राम भी बनाएं और समय का ध्यान रखते हुए तेजी से प्रश्न हल किए।
बिना कोचिंग लिए सेल्फ स्टडी से हासिल की सफलता
मुद्रा रहेजा का कहना है कि एचसीएस की परीक्षा पास करने से पहले उन्होंने कहीं से कोचिंग नहीं ली है। सभी विषय पर बराबर फोकस करते हुए सेल्फ स्टडी से ही सफलता को हासिल किया है। इस परिश्रम में उनके गुरुजनों, अभिभावकों, साथियों और परिवार का पूरा सहयोग मिला। उनके दादा हमेशा उनके मार्गदर्शक और प्रेरक के रूप में उनके साथ रहे। वह लाइब्रेरी में पढ़ने जाती तो पहले अपने दादा से मिलकर जाती थी। लाइब्रेरी से वापस लौटने पर भी पहले अपने दादा से ही मिलती थी।
मुद्रा ने बताया कि उनके दादा उनकी मां की तरह परवाह करते हैं। साथ ही माता-पिता और भाई ने हर कदम और निर्णय पर उनका साथ दिया है। जिसकी सफलता का परिणाम आज सबके सामने हैं। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि अगर लक्ष्य को साध कर चले तो हर मुश्किल दौर भी आसानी से गुजर जाता है। मंजिल अपने आप आपके कदम चूमती दिखाई देती है।
लोगों की सेवा कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाना ही है उद्देश्य
मुद्रा रहेजा ने कहा कि यह केवल नौकरी नहीं है, नौकरी तो वह कोई भी कर सकती थी। लोगों की सेवा कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाना ही मेरा उद्देश्य है। जिसको लेकर मैंने सिविल सर्विस में जाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। यूपीएससी की भी परीक्षा दी हुई है। जिसका अभी परिणाम आना शेष है। मुद्रा के व्यवसायी पिता राजेश रहेजा व गृहिणी माता ममता रहेजा लाडली की इस उपलब्धि पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेटी ने आज अपनी सफलता से उनका सीना चौड़ा कर दिया।