➤हरियाणा CET परीक्षा में दिव्यांग अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले में ग्राउंड फ्लोर पर परीक्षा देने की सुविधा दी गई।
➤दिव्यांगों के लिए सहायक की अनुमति, विशेष स्टाफ की तैनाती और शहर में ठहरने की व्यवस्था की गई।
➤परीक्षा की पारदर्शिता के लिए हर केंद्र पर CCTV, बायोमेट्रिक हाजिरी और OMR सीलिंग की विशेष व्यवस्था की गई।
हरियाणा CET परीक्षा में इस बार दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए विशेष और सराहनीय कदम उठाए गए हैं। सरकार द्वारा तय दिशा-निर्देशों के तहत सभी दिव्यांग परीक्षार्थियों को उनके ही गृह जिले में परीक्षा देने की सुविधा दी गई है, जिससे उन्हें यात्रा की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। साथ ही, उन्हें परीक्षा केंद्रों पर ग्राउंड फ्लोर के कमरों में बैठाया जाएगा ताकि सीढ़ियों आदि से जुड़ी परेशानियां न झेलनी पड़ें।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि दिव्यांग अभ्यर्थी अपने साथ एक मैट्रिक पास सहायक भी ला सकते हैं, जो परीक्षा के दौरान उनकी मदद कर सकेगा। इसके अलावा केंद्र अधीक्षक की निगरानी में दो से तीन विशेष कर्मचारियों को दिव्यांग परीक्षार्थियों की सहायता के लिए तैयार रखा जाएगा।
रेवाड़ी के डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में एक अस्थायी कार्यालय स्थापित किया गया है, जहां से 24 और 25 जुलाई को सभी स्टाफ और मजिस्ट्रेट के आई-कार्ड जारी किए जाएंगे।
परीक्षार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेवाड़ी के अस्थायी बस स्टैंड के पास हेल्प डेस्क बनाया गया है, जहां से लोकल रूट की बसों की जानकारी दी जाएगी। वहीं, प्रशासन ने शहर की 9 धर्मशालाओं में 75 कमरों और 15 हॉल्स के साथ ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई है, ताकि दूर से आने वाले परीक्षार्थी आराम से रह सकें।
परीक्षा की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। जिला खजाना अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि OMR शीट और प्रश्न-पत्र के बॉक्स एक कोड के अनुसार एक ही स्थान पर रखे जाएं। ट्रेजरी से परीक्षा कक्ष तक सभी चरणों की निगरानी CCTV कैमरों के जरिये होगी।
परीक्षा केंद्रों के मुख्य द्वार पर बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था की गई है ताकि हाजिरी की प्रक्रिया को तेज और सुगम बनाया जा सके। हर परीक्षार्थी को अपनी OMR शीट में रोल नंबर और जन्म तिथि जैसी जानकारियां स्पष्ट रूप से भरनी होंगी। प्रश्न पत्र की सील खोलने से पहले दो अभ्यर्थियों से लिखवाकर प्रमाणित भी करवाया जाएगा कि लिफाफे सीलबंद हैं।
प्रशासन की यह व्यापक तैयारी सुनिश्चित करती है कि हर परीक्षार्थी को निष्पक्ष, सुरक्षित और सुगम परीक्षा का वातावरण मिल सके — विशेष रूप से दिव्यांग अभ्यर्थियों को, जिनकी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है।