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समर्पण को सलाम: समालखा व चुलकाना के मंचों पर हुआ भजन गायक कलाकारों का सम्मान

हरियाणा

समालखा,अशोक शर्मा
लखदातार धर्मशाला चुलकाना धाम में श्री श्याम बाबा की महिमा का-गायकों द्वारा गुणगान किया गया,जिसमें-भजन जहां दिया शीश का दान वो पावन भूमि है चुलकाना धाम,मेरे शीश का दानी चुलकाना धाम विराजे,तेरे नाम के बावले हम चुलकाना वाले सांवले,आदि भजनों से बाबा को रिझा श्रद्धालुओं मंत्रमुग्ध कर दिया।कीर्तन के साथ भंडारे का आयोजन भी किया गया।जिसमें दूर दराज से आए भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया।
देवेन्द्र पुजारी ने बताया कि चुलकाना धाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं सतयुग में बसा ये धाम श्री चुनकट महर्षि जी ने बसाया था।द्वापरयुग में इस धाम की खोज वीर बर्बरीक ने की थी।यहां अपना शीश दान में देकर इस धाम की पवित्र मिट्टी को अपना शीश दान देकर सिंचा था हजारों वर्ष पुराना मंदिर आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।यहां एकादशी द्वादशी को लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते है।
सोनू शर्मा छदिया मिडिया प्रभारी ने बताया कि तपोभूमि चुलकाना धाम वो पावन भूमि है जहां से वीर बर्बरीक ने अपने शीश दान करने के बाद महाभारत का युद्ध देखा था इसलिए कहते है चुलकाना धाम चमत्कारी-पूजे दुनिया सारी।
इस अवसर पर पूर्व सरपंच मदन शर्मा चुलकाना धाम,देवेंद्र पुजारी,प्रवीन छौक्कर,सोनू शर्मा छदिया ने गायक कलाकारों के सम्मान में बाबा की फोटो वाला स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।