हरियाणा के जिला पानीपत के किसान भवन में नए प्रधान सूरजभान की नियुक्ति के बाद मंगलवार को पूर्व गैंगस्टर और किसान भवन के पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया अपने समर्थकों के साथ किसान भवन पहुंचे। जहां सोनू मालपुरिया समर्थक और मौजूदा प्रधान के समर्थकों में पहले तो जमकर बहसबाजी हुई। इसके बाद देखते ही देखते बहसबाजी ने हिंसा का रुप ले लिया। इस दौरान दोनों गुटों में जमकर लाठी और कुर्सियां चलीं। इस बीच दूसरे पक्ष के लोगों ने पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया को किसान भवन से खदेड़ दिया।
गौरतलब है कि भाकियू किसान भवन पानीपत के प्रधान के चुनाव को लेकर रविवार को राजकीय सीसे सरकारी स्कूल बापौली में रविवार को बापौली व सनौली खुर्द ब्लाॅकों के किसानों की बैठक हुई थी। जिसमें प्रधान पद के लिए सूरजभान रावल गढ़ी भल्लौर, सोनू मालपुरिया के समर्थन में जगपाल गोयला खुर्द, तेजपाल उझा और संदीप देशवाल कुराड़ ने दावेदारी की थी। बैठक की अध्यक्षता किसान भवन कमेटी के संयोजक एडवोकेट पवन कादियान ने की। जिसके अलावा प्रशासन द्वारा नियुक्त एडहॉक कमेटी भी बैठक में शामिल रही थी और नायब तहसीलदार कैलाश चंद्र ड्यूटी मजिस्ट्रेट मौके पर रहे थे। इस दौरान सुरक्षा और व्यवस्था को देखते हुए बापौली थाना प्रभारी सहित भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जिसके द्वारा बापौली-सनौली खंड के किसानों को ही प्रवेश करने दिया गया।

बैठक में सूरजभान ने दिखाया था अपना बहुमत
प्रधान पद के चारों उम्मीदवारों को किसानों का समर्थन पेश करने का मौका दिया। सूरजभान रावल ने बहुमत दिखाया। कमेटी ने उनको प्रधान घोषित कर दिया। तेजपाल उझा ने भी अपना समर्थन सूरजभान को दे दिया था। सूरजभान के प्रधान बनने पर उनके समर्थक किसानों ने उसका फूलमालाओं से स्वागत किया और नवनियुक्त प्रधान सूरजभान ढोल बजाते हुए जुलूस के रूप में पानीपत किसान भवन पहुंचे। यहां सर छोटू राम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संकल्प लिया।

लाठी-डंडे चलने की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस
वहीं इस भीषण हंगामे की सूचना मिलते ही मॉडल टाउन थाना प्रभारी भारी पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंची और हालातों पर काबू पाने की कोशिश की। किसानों का कहना है कि सोनू मालपुरिया अपने समर्थकों के साथ पहले से ही लाठी-डंडे लेकर पहुंचा था, जबकि हमारी ओर से उसे शांति से समझाया भी गया था। घटना में घायल हुए किसानों को बाद में मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहीं अब इस घटना के बाद किसान भवन पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है।