हरियाणा सरकार ने नगर निकायों के कर्मचारियों के हड़ताल को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने जारी किया गया आदेश में नगर निगमों, नगर परिषदों, और नगर पालिकाओं में ‘नो वर्क, नो पे’ का सिद्धांत लागू करने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि ड्यूटी से अनुपस्थित या हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों को उनकी सैलरी नहीं मिलेगी।
आदेश के अनुसार राज्य के सभी निगमों के आयुक्तों, नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों, और नगर पालिकाओं के सचिवों को ‘नो वर्क, नो पे’ के सिद्धांत को लागू करने के लिए कहा गया है। जिसमें यह भी उल्लेख है कि यदि कोई कर्मचारी हड़ताल के दौरान अपनी ड्यूटी नहीं करता है और उसको वेतन मिलता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आंदोलन के कारण लोगों को हो रही समस्याएं
गुरुग्राम में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते निगम ने एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए स्थान चिह्नित किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आंदोलन के कारण लोगों को समस्याएं हो रही हैं और इसे बदलने के लिए सरकार से मिली जवाबी कार्रवाई की आशा है। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि वे निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं और वे अपनी मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन को तेज करेंगे।
अपने हक के लिए सड़क पर उतरेंगे
सफाई कर्मचारियों ने यह भी कहा कि वे लोगों तक पहुंचेंगे और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जब तक कि सभी कर्मचारियों को उनकी नौकरी वापस नहीं मिल जाती। इस नए निर्णय के बारे में सामाजिक संदर्भ में विवाद हो रहा है और आंदोलन के समर्थक यह बता रहे हैं कि वे अपने हक के लिए सड़क पर उतरेंगे।