यमुनानगर में अवैध यूरिया की सप्लाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसके दोषी कौन है, इसे हम आगे बताएंगे, लेकिन रात के अंधेरे में एचपी इंडस्ट्री में खाद तस्कर कृषि योग्य यूरिया की सप्लाई कर रहे हैं और प्रशासन मौन बैठा है।
यमुनानगर में एचपी इंडस्ट्री के सामने देर रात खूब हंगामा हुआ। हंगामा की वजह प्लाईवुड फैक्ट्री में इस्तेमाल हो रहा अवैध यूरिया है। जिस कृषि योग्य यूरिया का इस्तेमाल किसानों को करना चाहिए, उसे यूरिया का इस्तेमाल प्लाईवुड फैक्ट्री में ग्लू बनाने के लिए किया जा रहा है। इसके प्रमाण शिकायतकर्ता सादिक ने दिए। उन्होंने बाकायदा यूरिया खाद से भरी पिकअप जब प्लाईवुड फैक्ट्री में एंट्री कर रही थी। उसका वीडियो बनाया और उसके बाद जैसे ही माल उतारने लगा, उसका वीडियो भी बनाकर प्रशासन को दिया, लेकिन प्रशासन की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वह तुरंत मौके पर पहुंचकर फैक्ट्री का गेट खुला सके। तब तक प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करें कर्मचारियों ने अवैध यूरिया को ठिकाने लगा दिया और प्रशासन सिर्फ लाठी ही पीटता रह गया। सबसे पहले आप शिकायतकर्ता सादिक की सुनिए।

अधिकारियों को नहीं मिला कोई प्रमाण
शिकायतकर्ता सादिक ने अवैध यूरिया की सप्लाई की शिकायत डायल 1112 को दी। जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची और नजदीक लगते थाने के शो को इसके बारे में बताया। मौके पर बुरे थाने के एसएचओ भूपेंद्र राणा और कृषि अधिकारी बलबीर भान भी पहुंचे, लेकिन बड़े ही ताजुब की बात है कि उनको अवैध यूरिया का कोई भी ऐसा प्रमाण नहीं मिला। जिससे ये कहा जा सके कि यहां पर यूरिया आया था।

ग्लू बनाने के लिए यूरिया का इस्तेमाल
बता दें कि प्लाईवुड फैक्ट्री में गलू इस्तेमाल होता है। ग्लू बनाने के लिए यूरिया प्रयोग में लाया जाता है, लेकिन प्लाईवुड फैक्ट्री को जो यूरिया की परमिशन है, वह टेक्निकल है, जो बेहद महंगा पड़ता है। ऐसे में प्लाईवुड फैक्ट्री के मलिक खाद डीलर से संपर्क करते हैं और किसानों के सस्ते यूरिया को लेते हैं। देर सवेर खाद डीलर कृषि योग्य यूरिया की सप्लाई फैक्ट्री में करते हैं। हालांकि इससे पहले भी अवैध यूरिया कई बार पकड़ा जा चुका है, लेकिन प्रशासन की मिलीभक्त के बावजूद यह काम फिर भी चल रहा है। हालांकि शिकायतकर्ता के पुख्ता प्रमाण के बावजूद भी प्रशासन प्लाईवुड फैक्ट्री के मालिक पर नकेल कसने में नाकाम साबित हुआ।
