हरियाणा के जिला यमुनानगर में अवैध यूरिया की सप्लाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसके दोषी कौन हैं, इस बात से जल्द पर्दा उठाया जाएगा। वहीं प्रशासन अपनी नाकामी पर पर्दा डालने को तत्पर है। बता दें कि रात के अंधेरे में एचपी इंडस्ट्री में खाद तस्कर कृषि योग्य यूरिया की सप्लाई कर रहे हैं और प्रशासन मौन बैठा है।
गौरतलब है कि यमुनानगर में एचपी इंडस्ट्री के सामने देर रात खूब हंगामा हुआ। हंगामे की वजह प्लाईवुड फैक्टरी में इस्तेमाल हो रहा अवैध यूरिया है। जिस कृषि योग्य यूरिया का इस्तेमाल किसानों को करना चाहिए, उसे यूरिया का इस्तेमाल प्लाईवुड फैक्टरी में ग्लू बनाने के लिए किया जा रहा है। इसके प्रमाण शिकायतकर्ता सादिक ने दिए। उन्होंने बाकायदा यूरिया खाद से भरी पिकअप जब प्लाईवुड फैक्टरी में प्रवेश कर रही थी, उसका वीडियो बनाया। इसके बाद जैसे ही माल उतरने लगा तो उसका वीडियो भी बनाकर प्रशासन को भेजा, लेकिन प्रशासन की इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया कि वह तुरंत मौके पर पहुंचकर फैक्टरी का गेट खुलवा सके। तब तक प्लाईवुड फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों ने अवैध यूरिया को ठिकाने लगा दिया। इस दौरान प्रशासन सिर्फ लाठी ही पीटता रह गया।

इस संबंध में शिकायतकर्ता सादिक का कहना है कि उन्होंने अवैध यूरिया की सप्लाई की शिकायत डायल 112 को दी। इसके बाद टीम मौके पर पहुंची और नजदीक लगते थाने के प्रभारी को मामले के बारे में बताया। मामले की जानकारी मिलते ही थाने के एसएचओ भूपेंद्र राणा और कृषि अधिकारी बलबीर भान मौके पर पहुंचे। इस दौरान हैरानी की बात तब सामने आई, जब कृषि अधिकारियों और पुलिस को अवैध यूरिया का कोई भी ऐसा प्रमाण नहीं मिला, जिससे यह साबित किया जा सके कि यहां पर यूरिया आया था।

आरोप है कि प्लाईवुड फैक्टरी में गलू का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ग्लू बनाने के लिए यूरिया का प्रयोग किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्लाईवुड फैक्टरी को जो यूरिया की परमिशन दी गई है, वह टैक्नीकल है, जो बेहद महंगा पड़ता है। ऐसे में प्लाईवुड फैक्टरी के मलिक खाद डीलर से संपर्क करते हैं और किसानों के सस्ते यूरिया को लेते हैं। देर सवेर खाद डीलर कृषि योग्य यूरिया की सप्लाई फैक्टरी में करते हैं। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी अवैध यूरिया कई बार पकड़ा जा चुका है, लेकिन प्रशासन की मिलीभगत के बावजूद यह काम जारी है। वहीं शिकायतकर्ता के पुख्ता प्रमाण के बावजूद भी प्रशासन प्लाईवुड फैक्टरी के मालिक पर नकेल कसने में नाकाम साबित हुआ।