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Surajkund Mela: इको-फ्रेंडली नवाचार: गाय के गोबर से बने उत्पादों की अनूठी कारीगरी पर्यटकों को कर रही आकर्षित

हरियाणा फरीदाबाद

Faridabad 38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले-2025 में इस बार हस्तशिल्प की अनूठी कारीगरी और पारंपरिक विरासत की झलक देखने को मिल रही है। देश-विदेश के शिल्पकारों द्वारा प्रस्तुत नायाब उत्पादों में सबसे ज्यादा चर्चा मध्य प्रदेश परिसर की एक विशेष स्टॉल की हो रही है। इंदौर की यह स्टॉल, जोन-1 के स्टॉल नंबर-170 पर स्थित है, जहां गाय के गोबर से बने इको-फ्रेंडली और स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों ने पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया है।

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गोबर से बने अनूठे उत्पाद
इस स्टॉल की संचालिका, इंदौर निवासी नीतादीप वाजपेयी, ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद पूरी तरह प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। उनके स्टॉल पर गाय के गोबर से निर्मित धूप, अगरबत्ती, एक्यूप्रेशर मेट, शिवलिंग, गणेश प्रतिमा और अन्य कई उत्पाद उपलब्ध हैं। इन उत्पादों की कीमत मात्र 50 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक है।

स्वास्थ्य लाभ के साथ पर्यावरण संरक्षण
इन उत्पादों में विशेष रूप से एक्यूप्रेशर मेट की काफी मांग है, जिसे बीपी और शुगर नियंत्रण में सहायक माना जाता है। इसके अलावा, ये सभी उत्पाद टिकाऊ और पूरी तरह इको-फ्रेंडली हैं, जो पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार साबित हो रहे हैं।

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गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
नीतादीप वाजपेयी ‘दीपांजलि आर्ट एंड क्राफ्ट’ संगठन से जुड़ी हैं, जो गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ महिलाओं को रोजगार भी प्रदान कर रहा है। इन उत्पादों के लिए गोबर को गौशालाओं से एकत्र किया जाता है, और महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण देकर इन्हें बनाने की कला सिखाई जाती है। अब तक इस एनजीओ के माध्यम से 1000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है।

पर्यटकों में उत्सुकता, स्टॉल बना चर्चा का विषय
सूरजकुंड मेले में आए पर्यटक इन अनोखे उत्पादों को देखकर न केवल चकित हो रहे हैं, बल्कि इन्हें खरीदने में भी रुचि दिखा रहे हैं। मध्य प्रदेश और ओडिशा इस बार मेले के थीम राज्य हैं, और उनके पारंपरिक शिल्प ने मेले में विशेष पहचान बनाई है।

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