Faridabad 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में छोटी-बड़ी चौपाल पर देश-विदेश के कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पर्यटकों का भरपूर मनोरंजन कर रही हैं। मेले में एक मंच पर विभिन्न संस्कृतियों की झलक देखने को मिल रही है, जिससे अनेकता में एकता का संदेश जीवंत हो उठा है।

अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुतियां
शनिवार को बिम्सटेक संगठन के सदस्य देशों, बांग्लादेश, नेपाल, अफ्रीकी देशों के कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। बांग्लादेश के लोक कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और सांप खेला नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति दी, जिसमें इंसान और जानवरों के संबंधों को दर्शाया गया।
मेडागास्कर के कलाकारों ने प्रसिद्ध गीत ‘अंडओ-अंडओ’ पर सामूहिक नृत्य और वादन किया, जबकि केप वर्डे के कलाकारों ने यूरोपीय और अफ्रीकी संस्कृतियों पर आधारित लोकगीत व नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नेपाल, जिम्बावे, नाइजीरिया, साउथ सूडान, मालावी, टोगो, युगांडा समेत कई देशों के कलाकारों ने भी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से दर्शकों को परिचित कराया।

इस वर्ष मेले के थीम स्टेट ओडिशा के लोक कलाकारों ने प्रसिद्ध ‘संबलपुरी नृत्य’ की प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया, जबकि मध्य प्रदेश के कलाकारों की प्रस्तुति भी खास आकर्षण का केंद्र रही।
छोटी चौपाल पर हरियाणवी रंग में रंगे दर्शक
छोटी चौपाल पर हरियाणवी कलाकारों का जलवा खूब देखने को मिल रहा है। प्रदीप राय और उनकी टीम ने ‘हीरामल जमाल सांग’ के मंचन से दर्शकों की वाहवाही लूटी। काजल एंड ग्रुप ने हरियाणवी गीतों पर धमाकेदार सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया।