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Haryana : 372 जांच अधिकारियों का Suspension लटका, DGP ने मांगा कार्रवाई के लिए Anil Vij से तीन दिन का समय

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हरियाणा में 372 जांच अधिकारियों के सस्पेंशन को लेकर अनिल विज जहां सख्त मूड में हैं, वहीं पुलिस के आला अधिकारी बेबस नजर आ रहे हैं। करीब 100 आईओ सस्पेंड किए जा चुके हैं, जबकि शेष 272 को लेकर डीजीपी होमवर्क कर लिस्ट बना रहे हैं। गृहमंत्री अनिल विज से कार्रवाई के लिए 3 दिन का समय मांगा गया है। हालांकि अनिल विज पूरे मामले में पुलिस ऑफिसर से हर रोज अपडेट ले रहे हैं।

कुछ मामलों में जांच अधिकारी बदलने में कानूनी अड़चनें भी आ रही हैं। एक दर्जन से ज्यादा जांच अधिकारी सेवा से रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई करने में विभाग को परेशानी आ रही है।

पुलिस अफसरों ने दिया गृह मंत्री को फीडबैक

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पुलिस अफसरों की ओर से गृह मंत्री को दिए गए फीडबैक में बताया गया कि कई मामलों में कई बार जांच अधिकारी बदले गए हैं, जिसके कारण एक व्यक्ति को उसका गुनहगार नहीं बनाया जा सकता। पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि कई ऐसे जांच अधिकारी इस सूची में शामिल हैं, जिनके पास महज 2 से 3 महीने तक ही मुकदमें रहे हैं। ऐसे में जांच अधिकारियों के बारे में दोबारा विचार-विमर्श किया जा सकता है। वहीं, कोर्ट और एफएसएल के कारण लंबित मामलों की भी काफी बड़ी सूची है।

रिपोर्ट तैयार करने के लिए मांगा तीन दिन का समय

बताया गया कि कुछ जांच अधिकारियों के कोर्ट जाने की चर्चाओं के कारण भी पुलिस महकमा अलर्ट हो गया है। इस मामले में शुक्रवार शाम को गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद और डी.जी.पी. शत्रुजीत कपूर ने गृह मंत्री अनिल विज से लंबी मंत्रणा की। बताया गया कि डी.जी.पी. ने सभी जांच अधिकारियों के बारे में गृह मंत्री को विस्तार से जानकारी दी और उनसे पूरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए तीन दिनों का समय मांगा। सोमवार तक मामले की पूरी स्टेटस रिपोर्ट गृह मंत्री तक पहुंच जाएगी।

दुखी होकर दिया अनिल विज ने सस्पेंशन का आर्डर

विज ने कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। विज ने कहा कि 372 जांच अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश उन्होंने खुश होकर नहीं दिया है, बल्कि दुखी होकर इस कार्य को किया है। क्योंकि एक साल से वे लगातार सभी बैठकों में अधिकारियों को एक साल से लंबित मामलों के निपटान करने बारे में बार-बार कह चुके हैं व आदेश भी दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह अम्बाला में रात को दो-दो बजे तक जनता दरबार लगाकर पीड़ित लोगों की शिकायतों को सुनते हैं, जिनमें से अधिकतर शिकायतें पुलिस विभाग से संबंधित होती हैं।