सतलुज-यमुना लिंक एसवाईएल विवाद फिर से सुर्खियों में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, केंद्र अब हरियाणा और पंजाब के बीच मध्यस्थता करेगा। 28 दिसंबर को चंडीगढ़ में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल होंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी उम्मीद है कि इस मीटिंग में एसवाईएल विवाद का कोई समाधान निकलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को सख्त तरीके से आलेखित किया था कि ये मामला राजनीतिक नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक हर किसी को फॉलो करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से आगे बढ़ने को कहा है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले का समाधान ढूंढ रही है, तो पंजाब सरकार को भी सकारात्मक रुख दिखाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे में हो रहे डेवलपमेंट की रिपोर्ट भी मांगी है, अगली सुनवाई जनवरी 2024 में होगी।

केंद्र सरकार से मांगी बॉर्डर पर एसवाईएल नहर की वर्तमान स्थिति रिपोर्ट
केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि वे हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर एसवाईएल नहर की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट दें। हरियाणा सरकार ने कहा कि विवाद पिछले 20 सालों से चल रहा है और पंजाब सरकार नहीं चाहती कि इसमें कोई समाधान निकले। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा में एसवाईएल नहर बनाने की प्रक्रिया को लेकर सर्वे करने के लिए केंद्र से आदेश दिए हैं।

पंजाब सरकार को सर्वे में करनी होगी सहायता
केंद्र की ओर से एसवाईएल सर्वे में पंजाब सरकार को सहायता करनी होगी। सर्वे के लिए आने वाले अधिकारियों को पंजाब सरकार को पर्याप्त सुरक्षा देने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि हरियाणा में एसवाईएल नहर बनाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अब पंजाब को भी इस मामले को हल करने की दिशा में काम करना चाहिए।