किसानों और केंद्र सरकार के बीच महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट, चंडीगढ़ में आज (19 मार्च) सातवें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। बैठक में किसानों की प्रमुख मांगें, जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंधेर 28 अन्य किसान नेताओं के साथ बैठक में शामिल हुए हैं। केंद्र की ओर से कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल के अलावा पंजाब सरकार की ओर से कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा भी किसानों से बातचीत कर रहे हैं।
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस फोर्स में अचानक वृद्धि
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि पंजाब सरकार ने अचानक शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस फोर्स बढ़ा दी है। पंधेर ने सवाल उठाया कि क्या यह सुरक्षा के लिए किया गया है या फिर किसी और कारण से। उन्होंने सरकार से इस बारे में स्पष्टता की मांग की।
चंडीगढ़ में किसानों की आंधी
वहीं, बैठक से पहले मोहाली से चंडीगढ़ आ रहे किसानों को चंडीगढ़ पुलिस ने बॉर्डर पर रोक लिया। पुलिस ने लगभग 35-40 वाहनों को आगे जाने की अनुमति नहीं दी, जिससे किसानों में हलचल मच गई। करीब आधे घंटे बाद पुलिस ने किसानों को जाने की अनुमति दी।
किसान नेता पंधेर का बयान
बैठक से पहले, सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि इस बैठक से कोई न कोई हल जरूर निकलना चाहिए, क्योंकि आंदोलन लंबा खिंच चुका है। उन्होंने कहा, “सरकार के आंकड़े बताते हैं कि देश में 15 करोड़ किसान परिवार हैं और 60% लोग अपनी मांगें लेकर आगे आए हैं।” पंधेर को उम्मीद है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मुद्दे पर वार्ता आगे बढ़ेगी।
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केंद्र से मीटिंग में 28 किसान नेता मौजूद
केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें कुल 28 किसान नेता शामिल हुए। यह बैठक कृषि और किसान संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। किसानों की ओर से कई मुद्दों पर सरकार से समाधान की मांग की जा रही है, खासकर उन कानूनों को लेकर जो किसान आंदोलनों का कारण बने थे। बैठक में किसानों के प्रतिनिधि अपने विचार और सुझाव सरकार तक पहुंचा रहे हैं, जबकि सरकार भी अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट कर रही है।
इस मीटिंग को किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच संवाद बढ़ाने और समाधान खोजने की कोशिश की जा रही है।
किसान नेताओं का कहना है कि उनका उद्देश्य किसानों के हित में काम करना है, और वे सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपेक्षा रखते हैं।
किसान आंदोलन की प्रमुख घटनाएं
- HC ने शंभू बॉर्डर खोलने को कहा: 2024 में हरियाणा पुलिस ने किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोक दिया था। हाईकोर्ट ने इसे खोलने का आदेश दिया, लेकिन हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची।
- दिल्ली कूच की कोशिशें: किसानों ने दिल्ली कूच का निर्णय लिया, लेकिन पुलिस ने तीन बार उन्हें रोक लिया।
- डल्लेवाल का अनशन: किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने आमरण अनशन शुरू किया, जो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।