Haryana में 3 दिनों की राहत के बाद आज से फिर से भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्री-मानसून(Monsoon) के आने तक तापमान 45 डिग्री के पार जा सकता है। 14 मई से 5 जून तक लगातार 23 दिनों तक प्रदेश में भीषण लू चली, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इससे पहले साल 1982 में लगातार 19 दिनों तक लू चली थी।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अभी प्रदेश में लू का दौर जारी रहेगा। संभावना है कि अगले 4-5 दिनों तक और लू चलेगी। पिछले 24 घंटों में रात का तापमान औसतन 2.3 डिग्री बढ़ गया है। गुरुग्राम में तापमान 5.8 डिग्री बढ़कर 30.9 डिग्री पर पहुंच गया है। पंचकूला और यमुनानगर में यह 25.9 डिग्री रहा। हिसार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि हरियाणा से मानसून अभी 1300 किलोमीटर दूर है। फिलहाल, मानसून कर्नाटक से होते हुए महाराष्ट्र तक पहुंच गया है। हालांकि, इस बार मानसून की गति काफी अच्छी है और प्रदेश में यह 28 जून से जुलाई के पहले सप्ताह में कभी भी दस्तक दे सकता है।
उससे पहले प्री-मानसून की बारिश होगी। डॉ. खीचड़ ने संभावना जताई कि 20 जून के करीब मौसम में जबरदस्त बदलाव देखने को मिल सकता है। इस बार हरियाणा में 96 से 102% बारिश का अनुमान है, जो सामान्य की श्रेणी में आती है। मानसून सीजन में 460 मिमी बारिश सामान्य मानी जाती है। यदि सामान्य बारिश हुई तो खरीफ की फसलों की बुआई समय पर हो सकेगी।
सिर्फ 2.0 मिमी हुई बारिश
जून के पहले हफ्ते में 72% कम बारिश हुई है। 1 से 8 जून तक सामान्यतः 7.1 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 2.0 मिमी बारिश हुई है। प्रदेश के 22 जिलों में से 5 जिलों में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। सिरसा में सबसे ज्यादा 7.8 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 137% ज्यादा है। बाकी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में लू का दौर जारी रहेगा और अगले 4-5 दिनों तक और चलने की संभावना है। पिछले 24 घंटों में रात का तापमान औसतन 2.3 डिग्री बढ़ा है।
गुरूग्राम का बढ़ा तापमान
गुरुग्राम में तापमान सबसे ज्यादा 5.8 डिग्री बढ़कर 30.9 डिग्री पर पहुंच गया है। पंचकूला और यमुनानगर में यह 25.9 डिग्री रहा। हिसार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि हरियाणा से मानसून अभी 1300 किलोमीटर दूर है। फिलहाल, मानसून कर्नाटक से होते हुए महाराष्ट्र तक पहुंच गया है। हालांकि, इस बार मानसून की गति काफी अच्छी है और प्रदेश में यह 28 जून से जुलाई के पहले सप्ताह में कभी भी दस्तक दे सकता है।
पहले होगी प्री-मानसून बारिश
डॉ. खीचड़ ने बताया कि मानसून के आने से पहले प्री-मानसून की बारिश होगी। उन्होंने संभावना जताई कि 20 जून के करीब मौसम में जबरदस्त बदलाव देखने को मिल सकता है। इस बार हरियाणा में 96 से 102% बारिश का अनुमान है, जो सामान्य की श्रेणी में आती है। मानसून सीजन में 460 मिमी बारिश सामान्य मानी जाती है। यदि सामान्य बारिश हुई तो खरीफ की फसलों की बुआई समय पर हो सकेगी।