हरियाणा कुश्ती संघ में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है जब से भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित किया है। उसका प्रभाव राज्यों की कुश्ती संघ में भी देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों हुई बहादुरगढ़ में हरियाणा कुश्ती संघ के मान्यता प्राप्त सदस्यों की बैठक में पूर्व अध्यक्ष रोहतास नांदल को अनियमिताओं के चलते हटा दिया गया था। 18 सदस्यों की बजाय 14 सदस्यों ने राष्ट्रीय स्तर के पहलवान रमेश पांचाल को नया अध्यक्ष चुन लिया था। तत्पश्चात निलंबित अध्यक्ष रोहतास नांदल ने हरियाणा संघ की नई कार्यकारिणी की लिस्ट एडहॉक कमेटी को सौंप दी थी और सोनीपत में जयपुर में होने वाली राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता के लिए कुश्ती खिलाड़ियों का ट्रायल शुरू कर दिया।
अब निलंबित भारतीय कुश्ती संघ के समर्थित हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संगठन के अध्यक्ष ने भी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए हरियाणा के खिलाड़ियों की ट्रायल का शेड्यूल जारी कर दिया है। दोनों ही एक दूसरे पर आरोप-पर्त्यारोप लगाकर अपने आप को सही ठहरा रहे हैं। जहां नव निर्वाचित अध्यक्ष पहलवान रमेश पंचाल का कहना है कि संजय सिंह के नेतृत्व में भारतीय कुश्ती संघ काम कर रहा है जिसको निलंबित करने का खेल मंत्रालय के किसी भी अधिकार के पास नहीं है और वही वास्तव में प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए आधिकारिक तौर पर मान्य है।
उधर हरियाणा एमेच्योर संगठन के निलंबित अध्यक्ष रोहतास नांदल ने कहा कि अगर वह सही है तो गोंडा में होने वाली प्रतियोगिता क्यों नहीं करवाई बिना सरकार के कोई भी संस्था कोई भी संगठन कुछ नहीं कर सकता। इसलिए वह एडहॉक कमेटी के अधीन है और वही आधिकारिक तौर पर प्रतियोगिता करवाने के लिए मान्य है। लेकिन कहीं ना कहीं साल भर से ज्यादा पहलवानों के आंदोलन से लेकर और भारतीय कुश्ती संघ के निलंबन तक के चलते जूनियर कुश्ती खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है।