100 crore scam in Haryana Cooperative Department

Haryana Cooperative Department में 100 करोड़ के घोटाले का Canada से जुड़ा राज, Anu ने पैसा कनाड़ा किया ट्रांसफर, दुबई जाने का था plan

पंचकुला बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा के सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड़ रुपए के घोटाले का राज कनाडा से जुड़ा है। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच में स्टालिन जीत सिंह की बैंटम इंडिया लिमिटेड कंपनी के कनाडा ब्रांच का पता चला है। इस कंपनी के माध्यम से असिस्टेंट रजिस्ट्रार अनु कौशिश ने रिश्वत का पैसा कनाडा में ट्रांसफर किया। एसीबी ने उसे पकड़ लिया है और इसका खुलासा किया है।

बता दें कि असिस्टेंट रजिस्ट्रार अनु कौशिश की बहन कनाडा में रहती है और उसने अपनी बहन द्वारा दुबई में रुकने का बंदोबस्त कर लिया था। इस तरह वह घोटाले से बचने के लिए अपने परिवार को पहले ही कनाडा भेज चुका थी, लेकिन खुद वह बच नहीं पाया। एसीबी के अनुसार अनु कौशिश लग्जरी लाइफ की शौकीन थी और गुरुग्राम और दिल्ली की बड़ी पार्टियों में अक्सर शामिल होती थी। घोटाले के तहत जांच किए जाने वाले एसीबी के अधिकारियों के अनुसार घोटाला 2018 से 2021 तक चला आ रहा था, जबकि वह आरंभ से साल 2010-11 से चल रहा था। एसीबी के सूत्रों के अनुसार सहकारिता विभाग के अधिकारी बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने बिना खर्च हुई राशि को फील्ड से वापस मंगवा ली थी, लेकिन एसीबी के पास इसका पुष्टिकरण है कि यह घोटाला 100 करोड़ से भी बड़ा हो सकता है।

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योजना नोडल अधिकारी को भी जांच में किया शामिल

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मामले में योजना के नोडल अधिकारी और हरियाणा सहकारिता विभाग से नरेश गोयल को भी शामिल किया गया है। एसीबी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की है और वे किसी भी समय गिरफ्तार हो सकते हैं। एसीबी अब आरोपितों के खातों में पैसों की विवरण जुटा रही है। वहीं घोटाले से जुड़े आरोपितों की प्रॉपर्टी को भी अटैच कर दिया गया है। जिसमें सिरसा, जीरकपुर, और कुरुक्षेत्र में जमीन और फ्लैट्स शामिल हैं। एसीबी के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और एसपी चंद्रमोहन की देखरेख में यह कार्रवाई की जा रही है।

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देर रात मुख्यमंत्री से आवास पर मिले एसीबी चीफ

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मामले की जानकारी के लिए एसीबी चीफ शत्रुजीत कपूर को देर रात आवास पर बुलाया और फिर मामले की पूरी जानकारी के साथ सीएम के साथ मुलाकात की। एसीबी चीफ सभी दस्तावेज सीएम के साथ दिल्ली ले गए।बताया जा रहा है कि घोटाले की मुख्य ट्रांजेक्शन कंपनी के कनाडा ब्रांच के माध्यम से हुआ, जिसके जरिए रिश्वत का पैसा भेजा गया। एसीबी ने आरोपितों की खातों की जांच में जुटाई जाने वाली विवरणों के आधार पर कहा है कि घोटाला 100 करोड़ से भी बड़ा हो सकता है। एसीबी की कड़ी कार्रवाई के बाद अब मामले में और खुलासे की उम्मीद है, जिससे गिरफ्तारियों को सजा हो सके और भ्रष्टाचार को रोका जा सके।

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