Panipat में पुलिस प्रताड़ना और रिश्वतखोरी से तंग आकर 24 वर्षीय युवक गुरमीत ने आत्महत्या कर ली। 25 दिसंबर को चौकी में मारपीट और लगातार धमकियों से परेशान होकर उसने 26 दिसंबर को 8 मरला चौकी के सामने जहर खा लिया। पांच दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद 31 दिसंबर को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले में एक नया सबूत सामने आया है। मृतक गुरमीत के परिवार वालों ने सिटी तहलका को एक ऑडियो क्लिप दी है और दावा किया है कि ये क्लिप गुरमीत और हेट कॉन्सटेबल अभिमन्यु के बीच बातचीत की है। हालांकि सिटी तहलका इसकी पुष्टि नहीं करता है। परिवार का दावा है कि ऑडियो में गुरमीत बार-बार कह रहा है कि सर जी, मेरे पास पैसे नहीं है। मैं फोन बेच कर आपके पैसे दूंगा, लेकिन पुलिसकर्मी उसे धमकाता हुआ कह रहा है कि तेरे खिलाफ पर्चा दर्ज करूंगा।

परिजनों ने SP ऑफिस में दर्ज करवाई शिकायत
बुधवार को परिजन पानीपत SP के कार्यालय पहुंचे और हेड कॉन्स्टेबल अभिमन्यु, राजपाल व सुरेश के खिलाफ 4 पन्नों की शिकायत देकर आरोप लगाया कि तीनों ने रिश्वत न देने पर गुरमीत को धमकाया और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया। परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
पांच हजार की रिश्वत बनी जानलेवा
परिजनों का कहना है कि झगड़े की शिकायत को खत्म करने के लिए हेड कॉन्स्टेबल अभिमन्यु ने 5 हजार की रिश्वत मांगी थी। 3 हजार रुपए देने के बाद भी बाकी 2 हजार रुपए के लिए लगातार धमकाया जा रहा था। गुरमीत पर दबाव इतना बढ़ा कि उसने आत्महत्या का कदम उठा लिया।

चौकी इंचार्ज का बयान – मुकदमा दर्ज
आठ मरला चौकी इंचार्ज विजेंद्र कुंडू ने बताया कि मृतक के दादा मामन राम की शिकायत पर हेड कॉन्स्टेबल अभिमन्यु, राजपाल व सुरेश के खिलाफ मरने के लिए मजबूर करने और एंटी करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच जारी है, जल्द ही पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंपा जाएगा। परिजन स्पष्ट कह चुके हैं कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे शव नहीं लेंगे।