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Haryana में ह्यूमन राइट्स कमीशन की नियुक्तियों में अड़चन, विपक्षी नेता की अनुपस्थिति बनी वजह

हरियाणा चंडीगढ़ पंचकुला

Haryana में ह्यूमन राइट्स कमीशन के अध्यक्ष और सदस्य के पदों की नियुक्ति लंबित है, जिससे आयोग का कामकाज ठप पड़ा हुआ है। सरकार ने आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए संभावित नामों पर विचार किया, लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा नेता प्रतिपक्ष का चयन न होने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।

आयोग में नियुक्तियों को लेकर हाई कोर्ट की नाराजगी
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सरकार को इस मामले में फटकार लगाई है। आयोग के पदों की नियुक्ति में देरी के चलते कोर्ट ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 28 नवंबर तक नियुक्तियां नहीं की गईं, तो संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के सामने पेश होना होगा और याचिकाकर्ता को 50 हजार रुपये की मुकदमे की लागत अपनी जेब से चुकानी होगी।

कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति में अड़चन
हरियाणा विधानसभा के गठन को डेढ़ महीने से अधिक समय हो चुका है, लेकिन कांग्रेस पार्टी अब तक अपने नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है। इस कारण विधानसभा स्पीकर को नेता प्रतिपक्ष के रूप में किसी को नामित करने का कार्य लंबित है। कांग्रेस में इस मुद्दे पर आम राय नहीं बन पा रही है, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

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ह्यूमन राइट्स कमीशन में नियुक्ति प्रक्रिया
भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष और सदस्य राज्यपाल द्वारा गठित 4 सदस्यीय कमेटी की सिफारिश से नियुक्त किए जाते हैं। हरियाणा में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित होती है, जिसमें विधानसभा के स्पीकर और प्रदेश के गृह मंत्री भी शामिल होते हैं। हालांकि, हरियाणा में वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष के न होने से कमेटी में एक सदस्य की कमी है, लेकिन इसका कोई कानूनी संकट नहीं है।

कमीशन के अध्यक्ष और सदस्य के कार्यकाल का समाप्त होना
हरियाणा ह्यूमन राइट्स कमीशन के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस एसके मित्तल और अन्य सदस्य जस्टिस केसी पुरी के कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो गए थे। इसके बाद आयोग में कोई स्थायी नियुक्ति नहीं हो पाई है। भाटिया ने मई 2023 से सितंबर 2023 तक कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

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