हरियाणा कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) 6 मार्च को राज्य में विधायक दल के नेता (CLP लीडर) का ऐलान कर सकती है। इस दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सबसे आगे हैं, लेकिन पार्टी में अंदरूनी असहमति भी उभरकर सामने आई है।
हरियाणा कांग्रेस के नेता अजय सिंह यादव ने पार्टी नेतृत्व से मजबूत प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग की है, जो किसी का पिछलग्गू न हो। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जमीनी स्तर तक संगठन खड़ा कर लिया है, जबकि कांग्रेस में अब तक जिला, प्रदेश और ब्लॉक स्तर पर संगठन अधूरा पड़ा है। पूर्व विधायक शमशेर गोगी ने खुलकर हुड्डा का विरोध किया।
वहीं, कांग्रेस हरियाणा में जातीय संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी केवल हुड्डा परिवार तक सीमित न रहकर गैर-जाट नेताओं को भी आगे लाना चाहती है। कांग्रेस का लक्ष्य SC, ST, OBC और महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देना है, ताकि राज्य में व्यापक समर्थन जुटाया जा सके।
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने संकेत दिए हैं कि 2025 तक संगठन को मजबूत करना प्राथमिकता होगी और सभी फैसले स्थानीय नेताओं से बातचीत के बाद लिए जाएंगे।
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च से शुरू होने वाला है। इससे पहले कांग्रेस आलाकमान विधायक दल के नेता का फैसला करना चाहता है। साथ ही, प्रदेश में नए संगठनात्मक ढांचे की नींव भी जल्द रखी जा सकती है।
अब देखना होगा कि कांग्रेस हुड्डा के अनुभव पर दांव लगाती है या नए चेहरे और जातीय संतुलन की रणनीति अपनाकर बदलाव की राह पर आगे बढ़ती है।