Chitra Sarwara

Panipat : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े पहलवानों को पटखनी देने वाले आज संघर्षरत, Chitra Sarwara बोलीं हर तरफ हो रही स्पोर्ट्स की अनदेखी

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हरियाणा आम आदमी पार्टी की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा का कहना है कि साक्षी मलिक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े पहलवानों को पटखनी दी है, जो खुद जंतर-मंतर पर इतना लंबा संघर्ष कर रही थी। यह हमारे लिए शर्म की बात है कि एक बेटी उत्पीड़न की वजह से सुनवाई नहीं होने पर मैदान ही छोड़कर चली गई। हरियाणा के अध्याय में स्पोर्ट्स के अध्याय यह काला दिवस रहा है।

चित्रा सरवारा का कहना है कि जब साक्षी मलिक मेडल जीती थी तो सभी उसकी रोशनी में अपना हिस्सा ढूंढने के लिए कूदकर आते थे। जब यह पहलवान मेडल जीता करते हैं तो हमारे प्रधानमंत्री टेबल पर आकर बैठा करते थे। वह खिलाड़ियों को मेरी बेटी मेरा भाई बताते थे, लेकिन हमारे देश के खिलाड़ी बजरंग पूनिया प्रधानमंत्री के घर के बाहर अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटने के लिए खड़े रहे, जब उन्होंने नहीं लिया तो पहलवान को अपना मेडल वहीं छोड़कर जाना पड़ा। चित्रा ने कहा कि स्पोर्ट्स के लिए इससे ज्यादा काला दिवस नहीं हो सकता। इससे ज्यादा काला अध्याय हमारे इतिहास में नहीं हुआ।

चित्रा सरवारा ने कहा कि हर तरफ स्पोर्ट्स की अनदेखी हो रही है। हरियाणा में भी महिला कोच की बात की जाए तो स्पोर्ट्स मिनिस्टर ने उनका शोषण किया है, लेकिन आज भी सत्ता पक्ष भाजपा उसे नेता के पक्ष में लिए हुए है, बेटी के पक्ष में नहीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने ओलंपिक विजेताओं के गांव में उनके नाम पर स्टेडियम बनाने की बात कहीं थी, लेकिन आज देखा जाए तो ओलंपिक को 2 साल हो चुके हैं। किसी भी खिलाड़ी के गांव में एक ईंट तक नहीं लगी। साथ ही खिलाड़ियों को कहा गया था कि उन्हें इनाम के साथ नौकरियां दी जाएंगी, लेकिन आज खिलाड़ी धक्के खा रहे हैं। आज साक्षी मलिक ने जूते नहीं टांगे, हमें शर्म से अपना सर झुकाना चाहिए।

चित्रा सरवारा ने कहा कि आज हरियाणा में इतनी अव्यवस्था है कि बेरोजगारी में हम नंबर वन हैं। महिलाओं के साथ होने वाले क्राइम में दूसरे नंबर पर हैं। हरियाणा में आज हर वर्ग आंदोलन कर रहा है। देश में सबसे ज्यादा अंडरएज शूटर हरियाणा में हैं। हरियाणा प्रदेश में किसी चीज की ग्रोथ हुई है तो वह विदेश में भेजने वाले सेंटरों और हरियाणा के बच्चों को डोंकी के माध्यम से विदेश जाने से हुई है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में रोजगार न होने की वजह से बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर विदेश जाने का कदम उठा रहे हैं। गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं। चित्रा ने कहा कि हरियाणा के स्कूलों की बात की जाए तो हरियाणा में स्कूलों की बिल्डिंग जर्जर है और 1500 से अधिक स्कूलों में टॉयलेट भी नहीं है। हरियाणा से इंडस्ट्री प्लायन कर रही है, उद्योगपतियों को धमकी दी जा रही है। उन्हें गोलियां मारी जा रही है।

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