➤मनीषा की मौत पर ग्रामीणों का आक्रोश
➤CBI जाँच पर टिकी निगाहें
➤सरकार पर लापरवाही के आरोप, मोबाइल गायब
भिवानी की 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की रहस्यमय मौत ने पूरे हरियाणा को झकझोर दिया है। गुरुवार सुबह धानी लक्ष्मण गांव में जब उनका अंतिम संस्कार हुआ, तो हजारों की भीड़ उमड़ी। ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों और युवा वर्ग ने एक सुर में न्याय की मांग की। गांव का माहौल संवेदना और आक्रोश से भरा रहा, जहां हर तरफ केवल एक ही आवाज गूंज रही थी – “मनीषा बहन अमर रहे, मनीषा बेटी अमर रहे।”
लोगों का आरोप है कि मनीषा की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। बीते कई दिनों से इलाके में विरोध प्रदर्शनों की लहर देखी गई – बाजार बंद, धरने, कैंडल मार्च और सड़क जाम तक। दबाव इतना बढ़ा कि सरकार को मामले की जांच CBI को सौंपनी पड़ी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आश्वासन देते हुए दिल्ली AIIMS में तीसरा पोस्टमार्टम कराने का भी ऐलान किया।
फिर भी, जनता का गुस्सा कम नहीं हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार कुछ भी कर सकती है लेकिन अब तक ढील बरती गई है। उनका आरोप है कि पहले दोनों पोस्टमार्टम में गड़बड़ी की गई। वे सवाल उठा रहे हैं कि अगर यह आत्महत्या है तो इसके पीछे का कारण क्या है? साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह है कि मनीषा का मोबाइल फोन अभी तक क्यों नहीं मिला।

जनता का कहना है कि यह मामला केवल एक लड़की की मौत का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की बेटियों की सुरक्षा और आत्मसम्मान से जुड़ा सवाल है। ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन से साफ मांग की है कि असली दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें सख्त सजा दी जाए।
इस बीच, अफवाहों और हिंसा को रोकने के लिए भिवानी और आसपास के जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। हालांकि, CBI जांच और तीसरे पोस्टमार्टम की घोषणा के बाद विरोध कुछ नरम पड़ा है, लेकिन लोगों का कहना है कि “इंसाफ मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।”

