➤झज्जर जिले की एनसीआर नहर में मामा और दो भांजियां डूबे, मामा का शव बरामद।
➤बच्चियों की तलाश जारी, नहर किनारे चप्पल और कपड़े मिले।
➤हादसे के वक्त कपड़े धोने के लिए पहुंचे थे, पैर फिसलने से हुआ हादसा।
हरियाणा के झज्जर जिले में एक दर्दनाक हादसे में मामा और उसकी दो भांजियां एनसीआर नहर में डूब गए। यह घटना बहादुरगढ़ के रोहद और मांडौठी गांव के बीच स्थित एनसीआर नहर की है। शनिवार सुबह तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा, जिसके दौरान मामा का शव बरामद कर लिया गया, जबकि बच्चियों की तलाश अभी भी जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रोहद गांव निवासी 38 वर्षीय सुनील शुक्रवार को अपनी दो भांजियों — 10 वर्षीय उर्मी और 7 वर्षीय रागिनी के साथ कपड़े धोने के लिए नहर पर गया था। सुनील बहन की बेटियों को अपने साथ ले गया था, क्योंकि उस दिन उसकी छुट्टी थी। कपड़े धोते समय दोनों बच्चियों का पैर फिसल गया और वे नहर में गिर गईं। उन्हें बचाने के प्रयास में सुनील भी नहर में कूद पड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश तीनों ही डूब गए।
स्थानीय लोगों ने शाम के समय घटना की सूचना पुलिस को दी। शुक्रवार देर शाम से लेकर शनिवार सुबह तक सर्च अभियान चलाया गया। गोताखोरों की टीम ने घटनास्थल से कुछ दूरी पर सुनील का शव बरामद कर लिया है। हालांकि बच्चियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। मौके पर ग्रामीण और पुलिस प्रशासन की टीमें मिलकर बच्चियों की तलाश में जुटी हुई हैं।
नहर किनारे मिले चप्पल और कपड़े:
घटनास्थल से कुछ दूरी पर तीनों की चप्पल और कपड़े नहर किनारे पड़े मिले हैं, जिससे हादसे की पुष्टि होती है। स्थानीय निवासी कृष्ण ने बताया कि हादसा कपड़े धोते समय पैर फिसलने के कारण हुआ।
प्रशासन की चेतावनियों के बावजूद लापरवाही जारी:
यह नहर पहले भी कई हादसों की गवाह रह चुकी है। प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी और नहर में नहाने व कपड़े धोने पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद लोग इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। एनसीआर नहर गहरी और तेज बहाव वाली है, जो जरा-सी असावधानी में जानलेवा साबित हो जाती है।
पुलिस के अनुसार, सर्च अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक बच्चियों का पता नहीं चल जाता। एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोर लगातार अभियान में लगे हुए हैं।