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Sonipat : भारत को वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बनाएगी नई शिक्षा नीति, कुलपति बोलें वर्ष 2024 में नई शिक्षा नीति को लागू करेगा DCRUST

बड़ी ख़बर सोनीपत हरियाणा

दिल्ली के नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. सुजाता सेंगर ने कहा कि नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य देश में प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत युवाओं को सक्षम बनाया जाएगा, ताकि वह देश के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो. सुजाता सेंगर मंगलवार को हरियाणा के जिला सोनीपत के मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। डीसीआरयूएसटी में नई शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने की। कार्यशाला में विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों के डायरेक्टर व प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इससे पूर्व एनएसयूआईटी के डॉ. अभिषेक तेवतिया ने टाइम टेबल के सदुपयोग पर विचार व्यक्त किए।

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नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से किया जाएगा शिक्षा का सार्वभौमीकरण

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इस दौरान शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. सुजाता सेंगर ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 में सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश में वर्ष 1986 के बाद अर्थात 34  वर्ष बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति और ज्ञान पर आधारित है। नई शिक्षा नीति देश को विकसित बनाने में अहम रोल अदा करेगी।

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वहीं शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. सेंगर ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी देश के विकास के लिए एवं बेरोजगारी दर को घटाने के लिए उच्चतर शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उच्चतर शिक्षा विश्वविद्यालयों के माध्यम से प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों कि शिक्षा में सुधार करने के लिए एवं शिक्षा की गुणवत्तापूर्ण बढ़ने के लिए नई शिक्षा नीति के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे। जिससे कि देश के युवा सक्षम बन सके एवं उनका समग्र विकास हो सके।

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कौशल आधारित शिक्षा से देश में तैयार होगी एक यंग वर्क फोर्स : कुलपति

कार्यशाला में कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि हमारा देश विश्व का सबसे युवा देश है। विश्व में सबसे ज्यादा युवा हमारे देश में हैं। युवाओं के अंदर वह क्षमता होती है कि वह किसी भी क्षेत्र में बदलाव लाकर देश के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं। हमारे देश के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बल्कि युवाओं को एक सकारात्मक दिशा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब हमारे राष्ट्र का युवा केवल डिग्री व डिप्लोमा लेने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नई शिक्षा नीति के तहत युवाओं को स्किलड बनाया जाएगा।

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कुलपति ने कहा कि युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा प्रदान की जाएगी। ऐसा करने से देश में एक यंग वर्क फोर्स तैयार होगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के स्वपन को पूर्ण करने का कार्य करेगी। विश्वविद्यालय वर्ष 2024 में नई शिक्षा नीति को लागू करेगा।

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नई शिक्षा नीति को आरंभ करने का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना

इस दौरान कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। जिससे कि समाज में बदलाव आ सकें। इस योजना के माध्यम से बच्चों को उच्च स्तर गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी।

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उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त इस योजना के माध्यम से बच्चों को संवैधानिक मूल्यों, देश के साथ जुड़ाव आदि पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों के अंतर्गत भारतीय होने की गर्व की भावना विकसित होगी। इसके अतिरिक्त बच्चे ज्ञान, कौशल आदि प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में लाभकारी साबित होगी।

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कार्यशाला में यह रहे मौजूद

इस अवसर पर आईक्यूएसी की डायरेक्टर प्रो. रजनी शुक्ला, एनईपी डायरेक्टर प्रो. अजय सिंह, प्रो. सतीश खासा, प्रो. अनिल खुराना,  प्रो. एके बेरवाल, प्रो. सुरेंद्र दहिया, प्रो. सुखदीप सिंह सांगवान, प्रो. सुमन लता,  प्रो प्रियंका पंवार, प्रो. अवधेश शर्मा, कामी स्थित पूर्णमूर्ति कैंपस के चेयरमैन प्रो. विजयपाल नैन के अतिरिक्त विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।

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