Haryana में कूड़े के प्रबंधन की बजाय उसे अवैध रूप से जगह-जगह मिट्टी से दबा देने का बड़ा मामला सामने आया है। यह खुलासा ग्रामीणों की शिकायत पर हुआ। नवंबर 2024 में अरावली क्षेत्र में 32 हजार टन कूड़े का वैज्ञानिक और जैविक तरीके से प्रबंधन करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कूड़े को हटाने की बजाय उसे 20 से ज्यादा जगहों पर ले जाकर मिट्टी से ढक दिया गया, ताकि यह पता न चल सके।
घोटाले में सख्त कार्रवाई के आदेश
सरकार ने इस गंभीर मामले का संज्ञान लिया है और अवैध कूड़ा डंपिंग की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। SIT को 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।
आर्थिक अनियमितता और पर्यावरणीय नुकसान
सर्वेक्षण के दौरान यह भी पता चला कि ठेकेदार को टेंडर होने के मात्र एक महीने बाद 3 करोड़ रुपए का आधा भुगतान कर दिया गया था, जबकि काम पूरा नहीं हुआ था। कूड़े के गलत तरीके से प्रबंधन के कारण मिट्टी और भूजल का प्रदूषण हुआ है और अरावली क्षेत्र की बायोडायवर्सिटी को भी नुकसान पहुंचा है।
प्राकृतिक संसाधनों पर खतरा
अरावली पहाड़ियां पहले ही अवैध खनन और वनों की कटाई से संकट में हैं। यह क्षेत्र पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 सहित कई पर्यावरणीय कानूनों के तहत संरक्षित है।
जांच के आदेश और पेमेंट समीक्षा
पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि इस मामले में काम पूरा होने से पहले भुगतान जारी करने को लेकर गंभीर चिंता है। उन्होंने परियोजना से संबंधित सभी दस्तावेजों की गहन समीक्षा करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि लापरवाही या कदाचार का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को तत्काल निलंबित किया जाएगा।
डिप्टी कमिश्नर का बयान
नूंह के डिप्टी कमिश्नर विश्राम कुमार मीना ने कहा कि नगर निगम आयुक्तों को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। यदि उन्होंने कार्रवाई नहीं की, तो प्रदूषण बोर्ड के सदस्यों को शामिल करते हुए एक समिति बनाई जाएगी, जो मामले की पूरी जांच करेगी। इस मामले की जांच के लिए स्थानीय स्तर पर एक टीम भी गठित की गई है।
क्या है अगला कदम?
सरकार ने कूड़े के अवैध तरीके से डंपिंग और भ्रष्टाचार की जांच के लिए SIT के गठन के बाद मामले को गंभीरता से लिया है। जल्द ही मामले में कार्रवाई की संभावना है, और दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार तत्पर है।