Haryana में गेहूं की फसलों में लगी आग से हजारों एकड़ जमीन पर फसलें जलकर राख हो गईं। कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार को लापरवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी के चलते किसानों को हर साल भारी नुकसान झेलना पड़ता है।
कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को मीडिया को जारी अपने बयान में कहा कि सरकार हर साल बिजली की ढीली तारों को कसने का दावा करती है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं होता। नतीजा ये कि फसलों में आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आती हैं।
बिजली की स्पार्किंग बनी हादसों की बड़ी वजह
सैलजा ने कहा कि अधिकांश घटनाएं बिजली के तारों में स्पार्किंग की वजह से हुई हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर सरकार ने दिन में बिजली आपूर्ति बंद रखने की घोषणा की थी, तो फिर चिंगारी निकलकर आग कैसे लगी?
“अगर तारों से चिंगारी नहीं निकल रही होती, तो इतनी बड़ी तबाही नहीं होती। सरकार सिर्फ कागजों में काम दिखा रही है।” – कुमारी सैलजा
प्रदेशभर में आग से नुकसान – ज़िला वार रिपोर्ट
- सिरसा: गांव लुदेसर, हंंजीरा, रूपावास और सुचान में करीब 400 एकड़ गेहूं की फसल राख।
- फतेहाबाद: हाई वोल्टेज लाइन में फॉल्ट से 20 एकड़ फसल जलकर राख।
- जींद: बिजली शॉर्ट सर्किट से कई खेतों में गेहूं की फसल स्वाहा।
- अंबाला: नगला और अन्य गांवों में गेहूं व चना की फसलें जल गईं।
- फरीदाबाद (बल्लभगढ़): खंभों से निकली चिंगारी से 40-50 खेतों में आग फैल गई।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 9, पंजुआना (सिरसा): शॉर्ट सर्किट से 7 एकड़ फसल का नुकसान।
मुआवजे की मांग – एक एकड़ का नुकसान ₹75,000
कुमारी सैलजा ने सरकार से तत्काल स्पेशल गिरदावरी करवा कर पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक एकड़ गेहूं की फसल के जलने से लगभग ₹75,000 का नुकसान होता है।
“किसान पहले ही महंगाई और मौसम की मार झेल रहा है, ऐसे में ये आगजनी उसके लिए आर्थिक तबाही है। सरकार को जल्द राहत देनी चाहिए।” – सैलजा