पानीपत, (आशु ठाकुर) : अक्सर कहा जाता है कि यदि शनि की दृष्टि किसी पर बुरी पड़ जाए, तो उसकी जिंदगी उथल-पुथल हो जाती है और यदि शनिदेव किसी से प्रसन्न हो जाए, तो उस इंसान का जीवन खुशियों से भर देते है, क्योंकि शनिदेव को न्याय और दंड के देवता माना गया है। जिसको देखते हुए शनि के दोषों को दूर करने के लिए अधिकतर इंसान शनिवार के दिन मंदिर में पहुंचकर शनिदेव की पूजा करने के साथ-साथ उन्हें सरसों का तेल चढ़ाते है।
ऐसा कुछ लोग एक-दूसरे को देखकर करना शुरू करते है, तो कुछ लोग ब्राह्मणों के कहने के अनुसार ऐसा करना शुरू कर देते है, जिन्हें केवल यही जानकारी दी जाती है कि शनिवार के दिन न्याय के देवता शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाने से वो प्रसन्न होते है और सभी दोषों से इंसान को मुक्त कर देते है, लेकिन शनिदेव को सरसों का तेल क्यों चढ़ाया जाता है, यह रहस्य आज भी अधिकतर लोगों को नहीं पता है।

शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने का रहस्य रामायण काल से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि रावण की लंका से माता सीता को छुड़वाने के लिए भगवान राम द्वारा जब सेना के माध्यम से समुंद्र पर सेतु बनाया जा रहा था, उस समय रामभक्त हनुमानजी द्वारा उस सेतु की निगरानी की जा रही थी, ताकि किसी के द्वारा सेतु को कोई नुकसान न पहुंचाया जाए। इस दौरान जब हनुमानजी द्वारा श्रीराम का ध्यान किया जा रहा था, तो न्याय के देवता शनिदेव ने उन्हें परेशान करने का प्रयास किया। इतना ही नहीं उन्हें वानर कहते हुए युद्ध करने की चेतावनी भी दी, परंतु हनुमानजी ने उनसे परेशान न करने की अपील की, शनिदेव नहीं माने। जिस पर हनुमानजी को क्रोध आ गया।

क्यों चढ़ाते है शनिदेव पर सरसों का तेल
क्रोध में आने पर हनुमानजी ने शनिदेव को अपनी पूंछ में बांध लिया था। जिसके कारण शनिदेव को थोड़े ही समय में काफी पीड़ा होने लगी, लेकिन हनुमानजी ने भी ठान किया था कि आज वो शनिदेव का घमंड तोड़कर रहेंगे। जिसके पश्चात हनुमानजी ने शनिदेव को पूंछ से आजाद करते हुए पत्थरों पर पलट दिया, जिससे शनिदेव को चोट पहुंची और वो दर्द से कराहने लगे और हनुमानजी से कष्ट करने को कहा। जिस पर हनुमानजी ने कहा कि वह अपनी गलती की सजा पा चुके है, दोबारा ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए, तत्पश्चात उन्हें सरसों का तेल देते हुए कहा कि इससे आपकी पीड़ा दूर हो जाएगी। वहीं शनिदेव के सरसों का तेल लगाते ही सारी पीड़ा दूर हो गई। तभी से शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने की मान्यता है और जिस प्रकार से हनुमानजी के दिए तेल से न्याय के देवता शनिदेव के कष्ट दूर हो गए थे, उसी प्रकार शनिदेव तेल चढ़ाने से इंसानों के कष्ट दूर करते है।

शनिवार को ही क्यों चढ़ता है तेल
शास्त्रों के अनुसार शनिवार का दिन शनिदोष से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बेहद ही खास माना जाता है। इस दिन जिनकी जिंदगी शनि के प्रकोप से उथल-पुथल हो रही है या फिर शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित है, शनिवार को शनिदेव पर तेल चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते है और शनिदोष का प्रभाव कम होता है। साथ ही शनिवार के दिन सरसों का तेल दान करना भी बेहद उत्तम फल देने वाला माना गया है, जिसे दान करने समय इंसान को उस तेल में अपने चेहरे की छाया देखकर उसे दान करना चाहिए।
