हरियाणा के यमुनानगर में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। अब तक 16 मामले सामने आ चुके हैं। पराली जलाने के आरोप में 16 किसानों पर ढ़ाई हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जुर्माना भी लगाया गया है। जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिये हैं। तो वही किसानों ने भी प्रशासन पर आरोप लगाए है।
उपकृषि निदेशक आत्माराम गोदारा ने बताया कि यमुनानगर जिले में पराली में आग लगने के 16 मामले दर्ज किए हैं। अलग-अलग इलाकों में किसानों पर नजर रखने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। जो किसानों को जागरूक भी कर रही है। उपमंडल अधिकारी को नोडल अवसर बनाया गया है और वह अपने इलाके में इन कमेटी के कार्यों पर नजर रख रहे हैं। किसानों को बार-बार जागरुक किया जा रहा है और उन्हें समझाया जाता है, लेकिन इसके बावजूद जो नहीं मानता उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
पराली जलाने के बताए नुकसान
उप कृषि निदेशक ने कहा की पराली जलाने से कई नुकसान होते है। जिसका सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है। उन्होंने माना की यमुनानगर में सबसे बड़ी समस्या यह है की यहां पर पराली उठाने की व्यवस्था नहीं है जिससे किसानों को दिक्कत आ रही है।
पराली जलाना है हमारी मजबूरी- किसान यूनियन नेता
वही किसान यूनियन से जुड़े नेताओं ने कहा कि पराली जलाना हमारी मजबूरी है। क्योंकि सरकार के पास कोई प्रबंध नहीं है। किसानों ने पराली के बेल बना कर रख दिए है। लेकिन 15 दिन से किसी ने किसानों के खेतो मे से उसे नहीं उठाया। क्योंकि कोई खरीदार ही नहीं है। सरकार FIR कर रही है, चालान कर रही है, यह इसका कोई समाधान नहीं है।
मामले दर्ज हुए तो किसान करेंगे जेल भरो आंदोलन
किसान नेता ने कहा की अगर किसानों पर मामला दर्ज होता है तो किसान जेल भरो आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा की अगर सरकार किसानों को उचित मुआवजा देती है तो किसान पराली नही जलाएंगे। किसानों ने कहा की किसान प्रदूषण नही फैलाता , यह बड़ी बड़ी फैक्ट्री सबसे ज्यादा प्रदूषण करती हैं। उन्होंने कहा की हम किसानों ने साथ खड़े है।
जो किसान अपने खेत में आग नही लगा रहे है, उनको प्रति एकड़ एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। लेकिन प्रशासन की तरफ से पराली उठाने को लेकर कोई बंदोबस्त नही किए गए है। हाल फिलहाल किसान संगठन सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट कर रहे है।