पूर्वांचल वासियों के लिए छठ का पर्व सबसे बड़ा होता है, लेकिन यमुनानगर में छठ पूजा को लेकर पूर्वांचल वासियों की सर दर्दी बढ़ गई है। उन्होंने घाट की सफाई को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है।
बता दें कि 18 नवंबर को पूर्वांचल वासी छठ का पर्व मनाएंगे, लेकिन इससे पहले ही उनकी चिंताएं बढ़ गई है। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रशासन घाट की सफाई नहीं करता। वहां पर गंदगी फैली रहती है और सूअर घूमते रहते हैं। ऐसे में हम चाहते हैं कि छठ पर्व से पहले वहां की सफाई कराई जाए, ताकि हम अपना त्यौहार मना सके। इसको लेकर तमाम पूर्वांचल वासियों ने लघु सचिवालय मैं आकर प्रदर्शन किया और तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
पूर्वांचल महासभा के युवा प्रधान मुकेश भगत का कहना है कि प्रदेश में पूर्वांचल के लोगों की संख्या करीब 40 लाख है, लेकिन इस त्यौहार को मनाने के लिए सरकार की तरफ से कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाती। इसके अलावा हम मांग करते हैं कि छठ महापर्व के त्यौहार को अन्य त्यौहारों की तरह राष्ट्रीय पर्व घोषित किया जाए। इस महापर्व को और त्यौहारों की तरह राष्ट्रीय अवकाश दिया जाए। जिन जिलों में पूर्वांचल के लोगों की जनसंख्या है, वहां के छठ घाटों को पक्का किया जाए और नहर के किनारे बने घाटों को साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाए। अब देखना होगा प्रशासन उनकी मांगों पर कितना गौर फरमाता है।