यमुनानगर जिले में अवैध खनन एक बडा मसला है। इस मुददे पर खूब राजनीति होती है, लीपापोती भी होती है लेकिन अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी रहता है। हरियाणा एंटी करप्शन सोसाइटी ने जब अवैध खनन का मसला उठाया तो माइनिंग अफसर ने ऐसा जवाब दिया जिसे पचा पाना मुश्किल है।
यमुनानगर जिले में अवैध खनन की खबरें खूब सुर्खियां बटोरती है। विधानसभा सत्र में भी इस मसले पर खूब बहस होती है।लेकिन वो बस बहस तक ही सीमित रहती है। अगर धरातल पर कुछ किया होता तो शायद यमुना नदी की छाती छलनी ना होती। यमुनानगर जिले के गुमथला इलाके में रेत की जोरशोर से माइनिंग होती है। लेकिन यहां नियमों को ठेंगा दिखाकर ना सिर्फ अवैध माइनिंग होती है बल्कि ओवरलोडिंग वाहन भी रफ्तार पकड़ते हैं। जब कभी गुमथला में खनन एजेंसियों के अवैध माइनिंग की शिकायत की जाती है तो अधिकारी मौके पर मुआयना भी करने आते हैं लेकिन उन्हे माइनिंग आंखों से शायद दिखाई नहीं देती।
पुल के पास की माइनिंग की करी जाए जांच
हरियाणा एंटी करप्शन सोसाइटी के प्रदेशाध्यक्ष वरयाम सिंह लगातार अवैध खनन को लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं लेकिन उनकी आवाज को या तो मौन कर दिया जाता है या फिर अनुसुना। वरयाम सिंह ने कहा कि पुल के आसपास जो अवैध माइनिंग हो रही है उसकी जांच की जाए क्योंकि इससे न सिर्फ पुल कमजोर होता है बल्कि यमुना की प्राकृतिक धरा का परवाह भी बदलता है। हालांकि माइनिंग अधिकारी ओमदत्त शर्मा खुद साइट का निरीक्षण करके आए हैं। लेकिन उन्हें वहां पर कोई भी कमी दिखाई नहीं दी बल्कि उन्होंने शिकायतकर्ता की फोटो पर ही कई तरह के सवाल उठा दिए। उन्होने यमुनानगर के डीसी कैप्टन मनोज कुमार को इस मामले में संज्ञान की बात कही और वीडियो ग्राफी कराने की अपील की।