यमुनानगर के अनाजमंड़ी गेट पर चल रही शिक्षक तालमेल कमेटी की अनिश्चितकाल भूख हड़ताल अभी भी जारी हैं। अध्यापकों की भूख हड़ताल को चार महीने होने वाले हैं। लेकिन अभी तक सरकार ने अध्यापकों से कोई बातचीत नहीं की है। सरकार के इस रवैये से अध्यापकों में भारी रोष है। इससे अध्यापक संघ ही नहीं बल्कि अन्य शिक्षक संघो से जुड़े अध्यापकों ने भी सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। कल भूख हड़ताल को 118 दिन हो चुके हैं।
आंदोलन के नेताओं ने कहा सरकार की नीतिया जन और शिक्षा विरोधी है
भूख हड़ताल का नेतृत्व जींद से राज्य कोषाध्यक्ष संजीव सिंगला ने किया। जबकि उनके साथ जींद खंड प्रधान शमशेर कौशिश, सचिव रमेश ढुल, संगठन सचिव राजेश कुमार, जींद जिला सचिव सत्येंद्र गौतम भूख हड़ताल पर बैठ है। जिला प्रधान कंबोज, राकेश धनखड़, अमरीक सिंह, अजय अग्रवाल, राजेश कांबोज, संदीप पिलानिया ने कहा कि सरकार उनकी समस्याओं और मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है।
सरकार करना चाहती है शिक्षा का निजीकरण
नेताओं ने कहां कि सरकार की नीतियां जन और शिक्षा विरोधी हैं। सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है। इसलिए चिराग योजना लेकर आई है, जिसके तहत विद्यार्थियों का निजी एवं पब्लिक स्कूल में दाखिला करवाया जा रहा है। जिसकी फीस सरकार वहन करेगी। वहीं सरकार स्कूल में इसके विपरीत विद्यार्थियों से दाखिला और मासिक फीस ली जा रही है।
सरकार कर रही दोहरी शिक्षा नीति पर काम
शिक्षकों का कहना है कि सरकार की यह दोहरी नीति है। वही उन्होनें कहा कि सरकार आबादी के अनुसार स्कूल खोलने की बजाए बंद कर रही है। प्रदेश में शिक्षकों के 50 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। मांगे माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार के इस रवैये से अध्यापकों में भारी रोष है। इससे अध्यापक संघ ही नहीं बल्कि अन्य शिक्षक संघो से जुड़े अध्यापकों ने भी सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। कल भूख हड़ताल को 118 दिन हो चुके हैं।

