maxresdefault 1

भारतीय किसान युनियन ने मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप

यमुनानगर

यमुनानगर में जिला प्रधान संजू गुंदीयाना की अगवाई में एक जोरदार प्रदर्शन किया गया। भारतीय किसान यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में किसान एकजुट हुए और लघु सचिवालय में पहुंचकर डीसी को ज्ञापन सोपा। किसानों ने कहा अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती तो 23 नवंबर को पिपली में एक महापंचायत बुलाई जाएगी जिसमें आगे की रणनीति तय होगी।

किसान अपनी मांगों को लेकर फिर से मुखर हो गया है। भारतीय किसान यूनियन चडूनी ग्रुप ने हरियाणा के तमाम जिलों में प्रदर्शन किया। यमुनानगर में जिला प्रधान संजू गुंदीयाना की अगवाई में एक जोरदार प्रदर्शन किया गया। कैल कचरा प्लांट से लेकर लघु सचिवालय की तरफ किसान ट्रैक्टर, कार और मोटरसाइकिल पर सवार होकर रवाना हुए।

किसानों और पुलिस के बीच हुई बहस

Whatsapp Channel Join

किसानों का काफिला अनाज मंडी के पहले गेट पर पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच गरमा गरम बहस हुई। करीब 5 मिनट की बहस के बाद किसानों की जीत हुई और वह अनाज मंडी में अपने काफिले को लेकर पहुंचे।

किसानों ने अनाज मंडी से लघु सचिवालय की तरफ आते हुए जोरदार नारेबाजी की। किसानों का कहना है धान की फसल की खरीद 15 सितंबर से शुरू होनी चाहिए। इसके अलावा किसानों को मुआवजा और जो खेतों में रेत पहुंचा है उसको भी किसान ही बेचे।

क्या है किसानो की मांगे

प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संजू गुंडियाना ने कहा कि हमारी 15 मांगे हैं लेकिन मुख्य मांग धान की सही वक्त पर खरीद और रेट को लेकर जो विवाद हुआ है उसे जल्द निपटाया जाए। उन्होंने कहा है कि किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती तो 23 नवंबर को पिपली में एक बड़ी महापंचायत की जाएगी जिसमें प्रदेश भर के तमाम नेता इकट्ठे होंगे और आगे की नीति तय की जाएगी।

सरकार पर वादा खिलाफी के आरोप

किसान और सरकार एक बार फिर आमने-सामने आ गई है। किसानों का आगे का सरकार शांतिप्रिय तरीके से हमारी बात नहीं मानती तो हम फिर से एक बड़ा आंदोलन करेंगे। किसानों ने सरकार पर वादा खिलाफी के गंभीर आरोप जड़े और कहां की यह सरकार किसान और मजदूर विरोधी है। अब देखना होगा किसानों की 15 सूत्रीय मांगों को सरकार कब तक हल करती है।