➤ चीन में विकसित हो रहा दुनिया का पहला प्रेग्नेंसी रोबोट
➤ कृत्रिम गर्भाशय से भ्रूण को मिलेगा पोषण, अगले साल आएगा प्रोटोटाइप
➤ तकनीक पर उठा एथिकल विवाद, सोशल मीडिया पर चर्चा ते
विज्ञान कथा फिल्मों में दिखने वाला प्रेग्नेंसी रोबोट अब हकीकत बनने की ओर बढ़ रहा है। चीन के वैज्ञानिक दुनिया का पहला ऐसा मानवाकृति रोबोट विकसित कर रहे हैं, जिसमें कृत्रिम गर्भाशय होगा और जो बच्चे को गर्भधारण से लेकर प्रसव तक सुरक्षित रख सकेगा। इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनी Kaiwa Technology के संस्थापक डॉ. झांग किफेंग का दावा है कि कृत्रिम गर्भाशय तकनीक अब परिपक्व हो चुकी है और इसे रोबोट के पेट में प्रत्यारोपित कर इंसान के साथ इंटरैक्शन के जरिए गर्भधारण संभव किया जा सकेगा।

डॉ. झांग ने बताया कि रोबोट के गर्भाशय में भ्रूण को पोषण नली (hose) के माध्यम से दिया जाएगा। अगले साल इस तकनीक का पहला प्रोटोटाइप सामने आने की संभावना है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 100,000 युआन (10,000 पाउंड) होगी।
हालांकि इस खोज ने चीन और दुनिया भर में एथिकल बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोगों ने इस पर नाराज़गी जताई और कहा कि भ्रूण को मां से जुड़ाव से वंचित करना अमानवीय होगा। वहीं समर्थकों का तर्क है कि यह तकनीक बांझपन से जूझ रहे दंपतियों के लिए वरदान साबित हो सकती है और महिलाओं को प्रेग्नेंसी की शारीरिक पीड़ा से राहत मिलेगी।

इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने कृत्रिम गर्भाशय (biobag) में भेड़ों के भ्रूण को कई हफ्तों तक जीवित रखा था, जिससे यह साबित हुआ कि तकनीक से भ्रूण को पोषण और विकास का उचित वातावरण मिल सकता है। मगर अब पूरा गर्भकाल और प्रसव तक की प्रक्रिया को रोबोट से कराना विज्ञान की एक नई छलांग कही जा रही है।
आलोचकों को आशंका है कि इससे महिला की जैविक भूमिका कमज़ोर हो सकती है और यह तकनीक समाज में बड़े बदलाव ला सकती है। वहीं चीन में लगातार बढ़ती बांझपन दर (18%) को देखते हुए सरकार भी इस क्षेत्र में शोध को बढ़ावा दे रही है।