Ultrasound Gel : बीमारी आज के जमाने में ऐसी चीज है जो हर एक व्यक्ति के साथ लगी होती है। अगर आप बीमारी से बचना चाहते है तो आपको अनेको प्रकार के काम करने पड़ते है जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते है लेकिन कुछ कंडीशंस के अंदर इंसान फिर भी बिमार पड़ जाता है।
ऐसे में अगर वह किसी भी पेट की समस्या से जूझ रहा होता है तो उसको अल्ट्रासाउंड की जरुरत पड़ती है आपने देखा होगा जब भी कोई व्यक्ति अल्ट्रासाउंज करवाने जाता है तो उसको डॉक्टर स्ट्रेचर पर लिटाते है और उसके पेट पर एक अलग तरह का जेल लगाते है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों उस जेल को लगाया जाता है और उसके पीछे क्या कारण होता है।
अल्ट्रासाउंड के जरिए पेट के अंदर क्या हरकत चल रही है इसका अंदाजा लगता है। इतना ही नहीं बल्कि रेडियों तकनीक और सोनार तकनीक के जरिए जो वेव्स हमारे शरीर के भीतक प्रवेश करती है वह यह बता देती है कि हमारे पेट के भीतर क्या चीज है। अल्ट्रासाउंड करते समय जो मशीन इस्तेमाल होती है उस पर एक केमिकल लगाया जाता है वह केमिकल हवा को रोक देता है जैसे ही हवा रुक जाती है तो सोनार रेडियों वेव्स आसानी से भीतर चले जाते है। इस जेल को प्रोपिलीन ग्लाइकोल कहा जाता है। यह एक तरह का नोन टॉक्सिक जेल है यह किसी भी प्रकार से जहरीला नहीं होता।