हरियाणा की 42 मंडियों में 62 दुकानों पर 45 लाख का जुर्माना, नूंह-रेवाड़ी में सबसे ज्यादा कार्रवाई
गेहूं की तौल में गड़बड़ी, बिना लाइसेंस फर्म संचालन और अवैध स्टॉक का खुलासा
CM फ्लाइंग की रेड के बाद FIR, लाइसेंस निलंबन और भारी जुर्माने लगे
हरियाणा की अनाज मंडियों में गेहूं की तौल में हो रही हेराफेरी, बिना रजिस्ट्रेशन के फर्म संचालन और अवैध स्टॉक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य की 42 मंडियों में 62 दुकानों/फर्मों पर कुल ₹45 लाख का जुर्माना लगाया गया है। सबसे ज्यादा कार्रवाई नूंह, रेवाड़ी और चरखी दादरी जिलों में हुई। मुख्यमंत्री नायब सैनी को आढ़तियों की धांधली की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए और CID व CM फ्लाइंग की टीमें गठित की गईं।
16 अप्रैल को कुरुक्षेत्र की थानेसर मंडी से शुरू हुई रेड में पवन कुमार नाम के आढ़ती पर किसानों से अतिरिक्त मात्रा में गेहूं भरवाकर धोखाधड़ी करने का आरोप सिद्ध हुआ, जिसके तहत IPC की धाराओं 316(2), 316(5) और 318(4) में FIR दर्ज की गई। इसके बाद 17 अप्रैल से सभी जिलों में मंडियों पर छापेमारी शुरू की गई। जांच के दौरान कई दुकानों में अनियमितताएं पाई गईं—जैसे बिना रजिस्ट्रेशन स्टॉक, तोल में गड़बड़ी, और अवैध भंडारण।
कुरुक्षेत्र में जहां FIR दर्ज हुई, वहीं करनाल के घरौंडा में एक फर्म पर गेहूं की बोरी में अतिरिक्त मात्रा मिलने पर ₹10 हजार का जुर्माना और लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। नूंह के तावड़ू की दुकान नंबर 92 पर ₹1,05,360 का और रेवाड़ी के नया गांव में अवैध सरसों के स्टॉक पर ₹1,24,250 का भारी जुर्माना लगाया गया। रेड के दौरान 1544.8 क्विंटल गेहूं, 6465 क्विंटल सरसों और 943.8 क्विंटल अन्य फसलों का अवैध स्टॉक मिला।
हालांकि CM फ्लाइंग की रिपोर्ट में जुर्माने की कुल राशि बताई गई है लेकिन सभी जिलों का अलग-अलग ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश ने कहा कि गलत करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन निर्दोष आढ़तियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।