Dayalpur Building Collapse:दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके दयालपुर की शक्ति विहार कॉलोनी में शुक्रवार देर रात जब चार मंजिला इमारत भरभराकर गिरी, तो किसी को अंदाजा नहीं था कि इसके पीछे एक ऐसा कारण भी हो सकता है, जो रोंगटे खड़े कर दे। शुरुआती जांच और चश्मदीदों के बयानों ने जिस ओर इशारा किया है, वह हैरान करने वाला है—बड़े-बड़े चूहों के बिल, जिन्होंने इमारत की नींव को भीतर से खोखला कर दिया था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई वर्षों से वे इस इमारत के आसपास मोटे-मोटे चूहों की आवाजाही देख रहे थे। गली के पानी की निकासी के लिए बनाई गई अधूरी नालियों ने स्थिति और बिगाड़ दी। पानी धीरे-धीरे इमारत की कमजोर हो चुकी नींव में रिसता गया। रही-सही कसर पूरी कर दी बार-बार की छेड़छाड़ और बेतरतीब निर्माण कार्यों ने, जो भूतल पर बनी दुकानों में चल रहा था।
हादसे की रात करीब 11 बजे लोगों को इमारत में कुछ कंपन महसूस हुई थी, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। अगर उस समय इमारत को खाली करवा दिया जाता, तो शायद 11 जानें न जातीं। मलबा हटाने के बाद रविवार को निगम की टीम को यह स्पष्ट हुआ कि इमारत महज गिर ही नहीं गई थी, बल्कि लगभग तीन-चार फीट ज़मीन के भीतर धंस भी गई थी।
रेस्क्यू ऑपरेशन देर रात तक चला और सोमवार सुबह मलबा पूरी तरह हटा लिया गया। 11 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए और मुस्तफाबाद के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिए गए। घायलों में मकान मालिक हाजी तहसीन की पत्नी और दो किरायेदार परिवार शामिल हैं, जिनका इलाज जीटीबी अस्पताल में चल रहा है।
एफएसएल और क्राइम टीम ने मलबे से सैंपल जुटाए हैं ताकि हादसे की तकनीकी वजहों का पता लगाया जा सके। इधर, पुलिस ने कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और घटना की गहन जांच की जा रही है। वहीं, तहसीन के परिजनों ने प्रशासनिक उदासीनता पर नाराजगी जाहिर की है—उनके सिर से छत तो गई ही, साथ ही इलाज के लिए भी सरकारी मदद की बाट जोह रहे हैं।