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चम्बा में प्राकृतिक आपदा में फंसे हरियाणा के इतने लोगों को किया रेस्क्यू, पढ़ें लिस्ट

Himachal Pardesh हरियाणा

➤3280 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
➤हरियाणा के कई श्रद्धालु रेस्क्यू
➤हजारों लोग अब भी दुर्गम इलाकों में फंसे, राहत जारी

हिमाचल प्रदेश का चंबा जिला इन दिनों प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। हाल ही में हुई बादल फटने की घटना ने इलाके में भारी तबाही मचाई है। शिव की नगरी मणिमहेश में हर वर्ष की तरह इस बार भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे, लेकिन अचानक आई आपदा ने हज़ारों को संकट में डाल दिया।

जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 3280 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है, जिनमें बड़ी संख्या हरियाणा से गए श्रद्धालुओं की भी है। प्रशासन द्वारा जारी सूची में पंचकूला और पानीपत से आए कई श्रद्धालु शामिल हैं। इनमें पंचकूला निवासी संजीव के बेटे रोनी, संजीव शर्मा और पानीपत के नवीन कुमार समेत सात अन्य लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। प्रशासन की ओर से बाकी फंसे लोगों की लिस्ट भी लगातार जारी की जा रही है।

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हालांकि, हजारों लोग अब भी दुर्गम पहाड़ी इलाकों में फंसे हुए हैं। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के चलते सड़कें टूट गईं, पुल बह गए और कई संपर्क मार्ग पूरी तरह बाधित हो गए। इससे राहत और बचाव दलों को प्रभावित इलाकों तक पहुंचने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

इस आपदा ने बिजली और संचार सेवाओं को भी ठप कर दिया है। कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से बंद है और बिजली आपूर्ति अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। ऐसे हालात में फंसे लोगों तक भोजन, दवाइयां और जरूरी सहायता पहुंचाना एक चुनौती बना हुआ है।

प्रशासन की ओर से बताया गया कि सेना, NDRF, पुलिस और होमगार्ड की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हैं। कई स्थानों पर हेलीकॉप्टर और स्थानीय साधनों की मदद से श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला जा रहा है। रेस्क्यू किए गए लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में ठहराया गया है, जहां उन्हें भोजन, चिकित्सा सहायता और अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस आपदा ने उनके जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई घर पानी और मलबे में बह गए, खेतों को नुकसान पहुंचा और परिवार बेघर हो गए हैं। फिलहाल लोग सरकार और प्रशासन से त्वरित राहत और पुनर्वास की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

हालांकि मौसम अब सामान्य हो रहा है और बारिश की तीव्रता भी कुछ कम हुई है, लेकिन पहाड़ों में भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की अपील की है।