5 फरवरी को America सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर 104 भारतीयों को लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इन प्रवासियों में 72 पुरुष, 19 महिलाएं और 13 बच्चे शामिल हैं, जो अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इन डिपोर्ट किए गए भारतीयों में 30 पंजाब, 33 हरियाणा, 33 गुजरात, 3 महाराष्ट्र, 3 उत्तर प्रदेश और 2 चंडीगढ़ से हैं। ये सभी लोग ‘डंकी रूट’ के जरिए अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन अमेरिकी प्रशासन की सख्ती के कारण इन्हें हिरासत में लेकर वापस भेज दिया गया।
6 महीने तक भटकते रहे जसपाल सिंह, 30 लाख रुपये गंवाए
पंजाब के फतेहगढ़ चूड़ियां के जसपाल सिंह भी डिपोर्ट किए गए भारतीयों में शामिल हैं। जसपाल सिंह ने अपना जीवनभर की कमाई गंवाते हुए अमेरिका में बसने का सपना देखा था। जसपाल ने एक एजेंट से अमेरिका भेजने की डील की थी, जिसमें उन्होंने 30 लाख रुपये खर्च किए। उन्हें पहले पंजाब से यूरोप भेजा गया, फिर ब्राजील और उसके बाद ‘डंकी’ रूट से छह महीने तक भटकते हुए अमेरिका पहुंचे।
11 दिन बाद हिरासत और बेड़ियों में डिपोर्ट
जसपाल सिंह ने बताया कि अमेरिका पहुंचने के केवल 11 दिन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे लगा कि उसे कहीं और शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन बाद में यह पता चला कि उसे भारत वापस भेजा जा रहा है। जसपाल ने कहा, “हमें विमान में बैठाया गया तो हमारी बेड़ियां इतनी कसकर बांधी गई थीं कि सांस लेना मुश्किल हो गया था। हमें हथकड़ियां भी लगाई गई थीं, और ये तभी खोली गईं जब हम अमृतसर में लैंड कर गए।” इस अपमान के बाद अब कुछ भी बचा नहीं है, जसपाल ने कहा।
भारत लौटे प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ीं
अमेरिका से लौटने के बाद अब इन प्रवासियों के लिए कई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। कई लोगों ने विदेश जाने के लिए अपने घर-फ्लैट बेच दिए थे, और कुछ ने भारी ब्याज पर कर्ज लिया था। अब वे न सिर्फ अपने टूटे सपनों से निराश हैं, बल्कि परिवारों के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। डिपोर्ट किए गए लोगों में से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और गुजरात से हैं, जहां डंकी रूट के जरिए अमेरिका जाने का चलन तेजी से बढ़ा था।
सख्त ट्रंप प्रशासन का असर: 18,000 और भारतीयों को हो सकता है डिपोर्ट
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियों के कारण अब 18,000 और भारतीयों को डिपोर्ट किया जा सकता है। इसने डंकी रूट के जरिए अमेरिका जाने की योजना बनाने वालों के लिए नई चुनौती पैदा कर दी है।