President Putin के खिलाफ बगावत के बाद Wagner Chief Prigogine सहित 11 लोगों की मौत, व्लादिमिर ने कहा था हम कभी नहीं करेंगे माफ

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रूस में एक विमान हादसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले येवगेनी प्रिगोजिन सहित 11 लोगों की मौत हो गई। यूक्रेन में रूस की सेना के साथ युद्ध लड़ने वाली प्रिगोजिन की निजी सेना वैगनर ने जून में रूस के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ कुछ समय के लिए सशस्त्र विद्रोह कर दिया था। प्रिगोजिन निजी सेना वैगनर ग्रुप के चीफ थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने रूस की एजेंसी तास के हवाले से यह खबर दी है। वहीं प्रिगोजिन के मौत के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन का बयान चर्चा में आ गया है। यह बयान उस समय का है, जब वैगनर ग्रुप ने पुतिन के खिलाफ बगावत की थी। व्लादिमिर ने कहा कि था हम कभी माफ नहीं करेंगे।

जानकारी के अनुसार विमान हादसा मॉस्को के उत्तरी इलाके में बुधवार दोपहर को हुआ। रूस की सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि येवगेनी का नाम यात्री सूची में शामिल था। विमान मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा था। हादसे के दौरान विमान में तीन पायलट और प्रिगोजिन सहित सात यात्री मौजूद थे। राजधानी से 100 से ज्यादा किलोमीटर की दूरी पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इससे पहले विमान ने बुधवार शाम को मॉस्को से उड़ान भरी और कुछ मिनट बाद ही इसका संपर्क टूट गया। ग्रामीण क्षेत्र में संपर्क टूटने से आसपास कोई हवाई क्षेत्र नहीं था, जहां विमान को सुरक्षित उतारा जाता।

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क्या थी बगावत, बाद बेलारूस चले गए थे प्रिगोजिन

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यूक्रेन में रूस की सेना के साथ युद्ध लड़ने वाली प्रिगोजिन की निजी सेना वैगनर ने जून में रूस के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ कुछ वक्त के लिए सशस्त्र विद्रोह कर दिया था। इस दौरान क्रेमलिन ने कहा था कि प्रिगोजिन को बेलारूस निर्वासित किया जाएगा और उनके लड़ाके या तो सेवानिवृत्त हो जाएंगे या उनके साथ चले जाएंगे या फिर रूसी सेना में शामिल कर लिए जाएंगे। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने भी दावा किया था कि पुतिन ने उनसे प्रिगोजिन को खत्म कराने की बात कही थी। इसके बाद यह स्थिति साफ नहीं है कि वह रूस कब और कैसे पहुंचे। एक रूसी अधिकारी ने स्काय न्यूज से कहा कि विमान हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। सोशल मीडिया पर विमान हादसे के कुछ वीडियो हैं, जिनकी सत्यता की पुष्टि करना बाकी है।

वैगनर चीफ की मौत पर विभिन्न देशों की राय

वैगनर चीफ प्रिगोजिन की मौत के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के सहयोग मिखाइलो पोडल्यक ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि जो क्रेमलिन का वफादार नहीं होता, उसका क्या हश्र होता है। वर्ष 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने संकेत दिए हैं कि अगर खिलाफ कोई खड़ा हुआ, उसे मार दिया जाएगा। वहीं पोलैंड के विदेश मंत्री ज्बिब्निउ राउ का कहना है कि पुतिन की सत्ता के आड़े आने वाले की साधारण मौत नहीं होती। पुतिन के लिए राजनीतिक स्तर पर जो भी चुनौती बनते हैं, उनकी कभी भी साधारण मौत नहीं होती। अमेरिका से बाइडेन का कहना है कि उन्हें नहीं पता क्या हुआ है, लेकिन रूस में शायद ही ऐसा कुछ होता है, जिसके पीछे पुतिन का हाथ न हो। साथ ही उन्हें इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं पता और वह कुछ नहीं कह सकते, लेकिन वह इस खबर से अचंभित नहीं हैं।

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जेल से लेकर रेस्तरां तक का सफर

येवगेनी प्रिगोजिन का जन्म 1 जून 1961 को सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ था। पुतिन की भांति उनका बचपन भी सेंट पीटर्सबर्ग में बीता। रूसी कोर्ट के डॉक्यूमेंट के अनुसार प्रिगोजिन को वर्ष 1981 में मारपीट, धोखाधड़ी और डकैती के मामलों में दोषी पाए जाने पर 13 साल की सजा सुनाई गई। इसके बाद सोवियत यूनियन के पतन के 9 साल बाद येवगेनी प्रिगोजिन को रिहा कर दिया गया। उसने सलाखों से बाहर आने के बाद व्यापार करने का निर्णय किया। जिसकी शुरुआत हॉट डॉग का स्टॉल लगाकर की। इसके बाद प्रिगोजिन एक रेस्तरां के मालिक बन गए।

प्रिगोजिन के रेस्तरां में वर्ल्ड लीडर्स की मेजबानी करते थे पुतिन

राष्ट्रपति पुतिन के संपर्क में आने के बाद येवगेनी प्रिगोजिन ने कॉनकॉर्ड कैटरिंग की शुरुआत की। येवगेनी प्रिगोजिन का रेस्तरां कुछ ही समय में काफी चर्चित हो गया और सेंट पीटर्सबर्ग का सबसे फैशनेबल डाइनिंग स्पॉट बन गया। उन्हें राष्ट्रपति के भोज की मेजबानी करने का अवसर भी मिला। रेस्तरां के चर्चित होने का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पुतिन स्वयं वर्ल्ड लीडर्स के साथ इस रेस्तरां में पहुंचते थे। इसी रेस्तरां में पुतिन ने वर्ष 2001 में फ्रांस के राष्ट्रपति जैक शिराक और उनकी पत्नी, इसके बाद वर्ष 2002 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की मेजबानी की। वर्ष 2003 में पुतिन ने अपना जन्मदिन भी इसी रेस्तरां में मनाया था। इस दौरान उन्हें पुतिन का रसोईया और शेफ भी कहा जाने लगा। इसके बाद प्रिगोजिन के इस रेस्तरां को रूस के जाने माने स्कूलों और सेना को खिलाने के लिए बड़े गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट मिलने लगे थे। एंटी-करप्शन फाउंडेशन के मुताबिक, पिछले 5 वर्ष में प्रिगोजिन को 3.1 अरब डॉलर यानि 26 हजार करोड़ रुपये के गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट मिले थे।

ट्रंप के समर्थन और हिलेरी क्लिंटन की आलोचना का आरोप

अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार प्रिगोजिन ने रेस्तरां और कैटरिंग के बिजनेस से बड़ी संपत्ति खड़ी करने के बाद रूस की ट्रोल फैक्ट्री को फंडिंग देने वाली कंपनी इंटरनेट रिसर्च एजेंसी के मालिक थे। जिसका कार्य सोशल मीडिया पर काल्पनिक नाम से अमेरिका के खिलाफ झूठ फैलाना था। आरोप है कि इस कंपनी ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन और हिलेरी क्लिंटन की आलोचना वाले मैसेज किए।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की। इसके बाद येवगेनी ने रूस की प्राइवेट आर्मी कही जाने वाली वैगनर आर्मी को वर्ष 2014 में बनाया गया था। वह इस प्राइवेट आर्मी को एक कंपनी के तौर पर फंड करते हैं। हालांकि उन्होंने काफी समय तक इस बात की पुष्टि नहीं की। संडे गार्जियन के अनुसार यूक्रेन की सीमा से लगे रूसी इलाके बेलगोरोड और कुर्स्क में प्रिगोजिन ने सेना के बराबर का मिलिट्री स्ट्रक्चर खड़ा करना चाहा था। यहीं पर वैगनर आर्मी की ट्रेनिंग फैसिलिटी और रिक्रूटमेंट सेंटर भी है। अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी के प्रवक्ता जॉन किर्बी के अनुसार वैगनर आर्मी रूसी सेना के लिए एक प्रतिद्वंद्वी शक्ति केंद्र के रूप में उभर रही थी।