19 Oct 2023 पंचांग एवं राशिफल

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🌹 दिनांक : 19 अक्तूबर 2023🌷

🌹 दिन – वीरवार🌷

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🌹 विक्रम संवत – 2080🌷

🌹 शक संवत – 1945🌷

🌹 अयन – दक्षिणायन🌷

🌹 ऋतु – शरद🌷

🌹 मास – अश्विन🌷

🌹 तिथि – पंचमी🌷 

🌹 नक्षत्र – ज्येष्ठा🌷

🌹 अमान्ता महीना – भाद्रपद🌷

🌹 योग – सौभाग्य🌷

🌹 सूर्योदय – सुबह 6:24 पर🌷

🌹 सूर्यास्त – शाम 5:48 पर🌷

🌹 प्रथम करण – बालव🌷

🌹 द्वितीय करण – कौलव🌷

🌹 दिशाशूल- पश्चिम🌷

🌹 चंद्रराशि – वृश्चिक🌷

🌹 सूर्यराशि – तुला🌷

🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷

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🍇पंचांग की जरूरत :

पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय,  मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए,  क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।

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🍇नक्षत्र : 

आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

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🍇योग :

नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।

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🍇करण : 

एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

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🍇पंचांग क्या है :

पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), ​​योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।

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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व

प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।

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🍇राशिफल :

🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

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मन परेशान हो सकता है। परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। वस्त्रों पर खर्च बढ़ेंगे। पिता से आर्थिक सहयोग मिलेगा। कारोबार में व्यवधान आ सकते हैं। स्वास्थ्‍य के प्रति सचेत रहें। कार्यक्षेत्र के विस्तार में किसी मित्र का सहयोग मिल सकता है। मानसिक परेशानियां रहेंगी। पारिवारिक समस्याओं में कमी आ सकती है।

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🎍वृष राशि : (ई, , , , वा, वी, वू, वे, वो)

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आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। अति उत्साहित होने से बचें। आत्मसंयत रहें। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन हो सकता है। बातचीत में संतुलित रहें। वाणी में कठोरता का भाव हो सकता है। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। उच्च शिक्षा के लिए विदेश प्रवास के योग बन रहे हैं।

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मिथुन राशि :  (का, की, कू, , , , के, को, ह)

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क्रोध के अतिरेक से बचें। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। आलस्य अधिक हो सकता है। स्वास्थ्‍य में चिड़चिड़ापन रहेगा। परिवार की समस्याओं में कमी आ सकती है। मित्रों का सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन की सम्भावना बन रही है। पुराने मित्र का सहयोग मिलेगा।

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🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)

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मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। किसी राजनेता से भेंट हो सकती है। सन्तान की ओर से कोई सुखद समाचार मिल सकता है। सेहत का ध्यान रखें। नौकरी में कार्यक्षेत्र का विस्तार हो सकता है। परिश्रम की अधिकता रहेगी। रहन-सहन में असहज रहेंगे। धर्म के प्रति श्रद्धाभाव रहेगा। सुख-सुविधाओं का विस्तार होगा।

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🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

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परिवार की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। माता-पिता के स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। खर्च अधिक रहेंगे। संयत रहें। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। माता का सानिध्य एवं सहयोग मिलेगा। सुख-शान्ति रहेगी। कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगी। खर्च बढ़ेंगे।

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🎍कन्या राशि : (ढो, , पी, पू, , , , पे, पो)

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आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे। मन में नकारात्मकता का प्रभाव हो सकता है। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में कार्यभार में वृद्धि हो सकती है। किसी मित्र का आगमन हो सकता है। आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। सन्तान की ओर से सुखद समाचार मिल सकते हैं।

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🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)

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संयत रहें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। जीवनसाथी के स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। कारोबार के प्रति सचेत रहें। कठिनाइयां आ सकती हैं। मानसिक स्थिति शान्त रहेगी, परन्तु पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा के भाव मन में रहेंगे। पुराने मित्रों से भेंट हो सकती है। आय में व्यवधान आ सकते हैं। खर्च अधिक रहेंगे।

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🎍वृश्चिक राशि : (तो, , नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)

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आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। क्रोध एवं आवेश के अतिरेक से बचें। परिवार का साथ मिलेगा। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। वाणी में कठोरता का प्रभाव हो सकता है। कला एवं संगीत के प्रति आकृष्ट होंगे। किसी मित्र के सहयोग से आय के स्रोत विकसित हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा। लाभ के अवसर मिलेंगे।

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🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, , फा, , भे)

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 मन प्रसन्न रहेगा। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। नौकरी में अफसरों से सद़भाव बनाये रखें। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन हो सकता है। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मनःस्थिति रहेगी। वाहन सुख में वृद्धि के योग बन रहें हैं। कार्यक्षेत्र में वृद्धि सम्भव है। तरक्की के मार्ग प्रशस्त हो सकते हैं। लंबी यात्रा के योग बन रहे हैं।

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🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

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अपनी भावनाओं को वश में रखें। माता के स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। लेखनादि-बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। परिश्रम अधिक रहेगा। यात्रा पर जा सकते हैं। क्रोध के अतिरेक से बचें। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। वाहन के रखरखाव पर खर्च बढ़ेंगे। पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है।

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🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, , सी, सू, से, सो, द)

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आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। मन भी परेशान हो सकता है। रहन-सहन कष्टमय हो सकता है। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान पर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। मानसिक तनाव रहेगा। खर्चों की अधिकता रहेगी। नौकरी में परिवर्तन के योग बन रहे हैं। जीवनसाथी को स्वास्थ्‍य विकार हो सकते हैं। तरक्‍की के योग बन रहे हैं।

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🎍मीन राशि : (दी, दू, , , , दे, दो, , ची)

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मन प्रसन्न रहेगा। परिवार में शान्ति‍ बनाये रखने के प्रयास करें। पिता का साथ मिलेगा। यात्रा पर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। कार्यक्षेत्र में व्यवधान आ सकते हैं। संचित धन में कमी आ सकती है। मित्रों का सहयोग मिलेगा। परिश्रम की अधिकता रहेगी। सेहत के प्रति सचेत रहें। सुस्‍वादु खानपान में रुच‍ि रहेगी।

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🎍(पं. दाऊजी महाराज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य एवं श्री अवध धाम मंदिर संस्थापक पानीपत) 🎍

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