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🌹 दिनांक : 31 दिसम्बर 2023🌷
🌹 दिन – रविवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – दक्षिणायन🌷
🌹 ऋतु – शरद🌷
🌹 मास – अश्विन🌷
🌹 तिथि – चतुर्थी🌷
🌹 नक्षत्र – मघा🌷
🌹 अमान्ता महीना – भाद्रपद🌷
🌹 योग – प्रीति🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 7:22 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 5:28 पर🌷
🌹 प्रथम करण – बालवा🌷
🌹 द्वितीय करण – कौवाला🌷
🌹 दिशाशूल- उत्तर🌷
🌹 चंद्रराशि – सिंह🌷
🌹 सूर्यराशि – धनु🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
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पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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🍇पंचांग क्या है :
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :
🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

शैक्षिक कार्यों में मन लगेगा। सुखद परिणाम भी मिलेंगे। विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। वस्त्रों पर खर्च बढ़ सकते हैं। कारोबार में वृद्धि होगी। परिश्रम अधिक रहेगा। यात्रा लाभप्रद रहेगी। सुस्वादु खानपान में रुचि रहेगी। जीवनसाथी से संबंधों में कटुता आ सकती है। क्रोध से बचें

🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

मन प्रसन्न रहेगा, परन्तु फिर भी अपनी भावनाओं को वश में रखें। परिवार का साथ मिलेगा। नौकरी में कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं। मित्रों का सहयोग मिल सकता है। शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें। कठिनाइयां आ सकती है। कारोबार की समस्याओं के प्रति सचेत रहें। भवन सुख में वृद्धि हो सकती है। अनियोजित खर्च बढ़ेंगे। पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मित्रों से भेंट होगी।

मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में भी परिवर्तन हो सकता है। आय में वृद्धि होगी। कारोबार में बढ़ोतरी होगी। किसी सम्पत्ति से आय के साधन बन सकते हैं। किसी मित्र का सहयोग मिल सकता है। खर्च बढ़ेंगे। किसी प्रॉपटी में निवेश कर सकते हैं। माता का सहयोग एवं सानिध्य मिलेगा। जीवनसाथी से संबंधों में मधुरता आएगी।

🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)

मन प्रसन्न तो रहेगा, फिर भी धैर्यशीलता बनाये रखने का प्रयास करें। परिवार में सुख-शान्ति रहेगी। सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में यात्रा पर जा सकते हैं। कार्य को लेकर नकारात्मकता का प्रभाव हो सकता है। माता-पिता का सानिध्य मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कारोबार के लिए यात्रा लाभप्रद रहेगी। लंबे समय से रुके हुए काम पूरा होने की संभावना बन रही है।

🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

नौकरी के लिए परीक्षा एवं साक्षात्कारादि कार्यों में सफलता मिलेगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। आशा-निराशा के भाव मन में हो सकते हैं। किसी पुराने मित्र से पुनः सम्पर्क बन सकते हैं। कार्यक्षेत्र में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। अफसरों का सहयोग मिलेगा। कारोबार के सिलसिल में विदेश यात्रा पर जाना हो सकता है।

🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

मन में उतार-चढ़ाव रहेंगे। मन परेशान भी हो सकता है। आत्मसंयत रहें। बातचीत में सन्तुलन बनाये रखें। कारोबार में कठिनाइयों आ सकती हैं। व्यर्थ को भागदौड़ रहेगी। संयत रहें। क्रोध एवं वाद-विवाद से बचें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। माता का साथ मिलेगा। किसी मित्र के सहयोग से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकते हैं।

🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)

मन प्रसन्न रहेगा। पिता का सानिध्य मिलेगा। कारोबार में परिवर्तन की सम्भावना बन रही है। आय में वृद्धि होगी, परन्तु परिश्रम अधिक रहेगा। खर्चों की अधिकता भी रहेगी। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। लेखनादि-बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। आय में वृद्धि भी होगी। बौद्धिक कार्यों से सम्मान की प्राप्ति होगी। शैक्षिक कार्यों के लिए विदेश यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं।

🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)

वाणी के प्रभाव में वृद्धि होगी। मन प्रसन्न रहेगा। नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं, परन्तु किसी दूसरे स्थान पर भी जाना पड़ सकता है। सेहत का ध्यान रखें। आत्मविश्वास बहुत रहेगा, परन्तु अतिउत्साही होने से बचें। आत्मसंयत रहें। मित्रों के सहयेग से रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। कारोबार में लाभ के अवसर मिलेंगे। सुस्वादु खानपान में रुचि बढ़ सकती है।

🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)

धर्म के प्रति श्रृद्धा भाव बढ़ेगा। कारोबार में सुधार होगा। माता-पिता से आर्थिक सहयोग मिल सकता है। कुटुम्ब के किसी बुजुर्ग से धन की प्राप्ति हो सकती है। मन में निराशा एवं असन्तोष के भाव रहेंगे। व्यर्थ के क्रोध एवं वाद-विवाद से बचें। सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। कार्यभार में वृद्धि होगी। मन परेशान रह सकता है।

🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

मानसिक शान्ति रहेगी। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा, परन्तु कार्यक्षेत्र में वृद्धि हो सकती है। परिश्रम अधिक रहेगा। यात्रा पर भी जाना हो सकता है। संयत रहें। व्यर्थ के झगड़े एवं विवादों से बचें। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। लाभ के अवसर भी मिलेंगे। भाइयों के सहयोग से नया कारोबार शुरू करने का अवसर मिल सकता है। लाभ रहेगा।

🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)

संयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें। किसी मित्र का आगमन हो सकता है। वस्त्र उपहार में मिल सकते हैं। नौकरी में अफसरों से सद्भाव बनाये रखें। स्थान परिवर्तन हो सकता है। मन परेशान रहेगा। आत्मसंयत रहें। सन्तान सुख में वृद्धि होगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। नौकरी में कार्यक्षेत्र में बदलाव हो सकता है। परिश्रम अधिक रहेगा। माता का सहयोग मिलेगा। धन की प्राप्ति होगी।

🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)

आत्मविश्वास में कमी रहेगी। मानसिक शान्ति बनाये रखने के प्रयास करें। कला या संगीत के प्रति रुझान बढ़ सकता है। सन्तान की ओर से सुखद समाचार मिल सकते हैं। संयत रहें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। बातचीत में संयत रहें। परिवार की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। पिता का साथ मिलेगा। परिवार की सुख-सुविधाओं की वृद्धि होगी। यात्रा पर जाना हो सकता है। मित्रों से भेंट होगी।

🎍(पं. दाऊजी महाराज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य एवं श्री अवध धाम मंदिर संस्थापक पानीपत) 🎍
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