फिल्म ‘विवाह’ की तरह गाजियाबाद में एक अनोखी कहानी हुई है, जहां एक दुल्हा डेंगू से ग्रस्त हो गया, लेकिन उसकी शादी को टाला नहीं गया। दिल्ली के रहने वाले अविनाश और फरीदाबाद निवासी अनुराधा की शादी की तारीख 27 नवंबर थी, लेकिन शादी से चार दिन पहले अविनाश को डेंगू हो गया।
उन्हें गाजियाबाद के एक हॉस्पिटल में एडमिट किया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर थी। डेंगू के कारण उनकी प्लेटलेट्स मात्रा 10,000 तक गिर गई थी और उन्हें डिस्चार्ज करना संभव नहीं था। शादी के कार्ड बांटे जा चुके थे, मंडप बुक हो चुका था, हलवाई की तैयारियां शुरू हो चुकी थीं, इसलिए शादी को टाला नहीं जा सकता था।
इस मुश्किल में भी परिवारों ने निर्णय किया कि शादी को अस्पताल में ही करेंगे। शादी के लिए अस्पताल प्रबंधन से अनुमति मिली और एक हॉल को मंडप में बदल दिया गया। दोनों पक्षों के 10-10 लोगों की मौजूदगी में 27 नवंबर को अविनाश और अनुराधा की शादी हुई।
अविनाश ने बुखार के बावजूद अनुराधा की मांग में सिंदूर भरा और वरमाला पहनाई तथा माता-पिता के पांव छूकर आर्शीवाद लिया। इस दौरान अविनाश शेरवानी में थे और अनुराधा लहंगे में अस्पताल पहुंची थीं। इस अनूठी शादी ने दिखाया कि प्यार और साथीत्व हर मुश्किल को पार कर सकते हैं, चाहे वह बीमारी हो या कोई और समस्या।