पानीपत, (आशु ठाकुर) : दोस्तों, महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च दिन शुक्रवार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला हैं। जिसको लेकर शहर के सभी मंदिरों में तैयारियां जोरो-शोरो पर चल रही है। मंदिरों को लाईटों एवं फूलों से सजाया जा रहा हैं। वहीं महाशिवरात्रि पर व्रत रखने पर भी भक्तों को अधिक लाभ मिलने वाला हैं।
श्री सिद्ध बालाजी शनिधाम मंदिर से वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य आचार्य महेश भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दिन तीन अद्भुत योग एक साथ बन रहे है, जैसे शिव योग, सिद्धी योग व सर्वार्थ सिद्धी योग बन रहे हैं। सूर्य इस दिन कुंभ राशि में शनि और बुध की युति जैसा संयोग बन रहा हैं। जिसका लाभ सभी राशियों को प्राप्त होगा, यदि सभी राशियों वाले जातक अपनी लग्न व राशियों के अनुसार उपाय करेंगे, तो उन्हें ज्यादा लाभ प्राप्त होगा व जीवन सुखमय रहेगा।

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 6:38 से 11 बजकर 4 मिनट तक रहेगा।
निशिता काल प्रातः 12:07 से 9 मार्च 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
रात्रि में प्रथम पहर के पूजन का समय शाम के 6:25 से 9:28 तक रहेगा।

द्वितीया प्रहर पूजा रात्रि 9:28 से 12:31 तक रहेगा।
तृतीय प्रहर की पूजा रात्रि 12:31 से 3:34 तक रहेगा।
चतुर्थ प्रहर की पूजा प्रातः 3:34 से 6:37 तक रहेगा।
व्रत पारण समय सुबह 6:37 से 9 मार्च की दोपहर 3:28 तक रहेगा।

राशियों के उपाय :
मेष लग्न व राशि वालो को कच्चा दूध, दही, भांग व धतूरा भगवान शिव को अर्पण करना है। साथ ही आरती घी से न करके कपूर से करना ज्यादा शुभकारी रहेगा।
वृषभ राशि व लग्न वालो को गन्ने के रस शहद का प्रयोग करना और भगवान शिव को सैंट या इत्र मोगरे व गुलाब का अर्पण करना व बेलपत्र व सफेद चंदन का प्रयोग करना अधिक लाभकारी रहेगा।

मिथुन राशि वालो के लिए स्फटिक या पारद शिवलिंग की पूजा करना जिसमें सामग्री जो प्रयोग करनी हैं, गुलाल, पीला चंदन, सफेद आंक के फूल, शिव कवच या स्त्रोत का पाठ करना लाभकारी रहेगा।
कर्क राशि वालो को सफेद वस्तुएं दूध, दही, सफेद चंदन, सफेद पुष्प व अष्टगंध प्रयोग में लाना है और अपनी पूजा में भगवान शिव को अर्पण करना ज्यादा श्रेयषकर रहेगा। भोग में खीर या मिठाई सफेद प्रयोग कर सकते हैं।
सिंह राशि वालो को गुड़ या शक्कर का घोल, मिक्स फलो का रस, गन्ने का रस व आंक के फूलो का प्रयोग करना ज्यादा लाभकारी रहेगा व रक्त चंद से तिलक करें।

कन्या राशि वाले प्रयास करे अलग-अलग पवित्र नदियों का जल इकट्ठा करना व अभिषेक करना उचित रहेगा व बेलपत्र भाग धतूरा आंक के पत्ते की मिठाई में नारियल से बनी हरी मिठाई अर्पण करना शुभ रहेगा।
तुला राशि वाले मिश्री, दूध, सफेद चंदन मोगरे का इत्र व फूल बेलपत्र व काले तिल का प्रयोग करना व तिल से बनी मिठाई भगवान को अर्पण करना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि वालो को शहद, गन्ने का रस, शक्कर गुड़ और गाय के देसी घी का दीपक जलाना, लाल पुष्प, मसरी की दाल व त्रियम्बकम मंत्र का जाप व अभिषेक करना लाभकारी रहेगा।

धनु राशि वालो को सफेद तिल व केले, पीली मिठाई, भस्म, पीले पुष्प, अरहर की दाल और ओउम नागेश्वराय नमः मंत्र का जप करना हैं।
मकर राशि वालो को काले तिल जल में डालकर व दूध, दही, धतूरा, भांग, बेलपत्र व भस्म का प्रयोग व गेंहू का दान करना है, ओउम शिव गायत्री का जप करें। मिठाई में तिल से बनी मिठाई का प्रयोग करें।
कुंभ राशि वालो को काले तिल, आंक के पत्ते व फूल कमलगटा अपराजिता के 108 पुष्प व भस्म भांग का प्रयोग करना शुभ रहेगा।

मीन राशि वालो को मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर, पीले पुष्प, चने की दाल, अष्टगंध या पीला चंदन, पीली मिठाई, भांग व धतूरे का प्रयोग करना शुभकारी रहेगा।
