- सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त, अदालत से दो साल की सजा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सीट को रिक्त घोषित किया।
- हेट स्पीच और आचार संहिता उल्लंघन का मामला, 2022 चुनाव के दौरान मऊ में धमकी भरे बयान पर दर्ज हुई थी एफआईआर।
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनाया फैसला, अब्बास को दो साल की जेल और 11 हजार रुपये का जुर्माना, सहयोगी मंसूर को भी छह माह की सजा।
Abbas Ansari disqualification: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है, जिसके पीछे कारण बना हेट स्पीच और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला, जिसमें उन्हें अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाई गई है। इस फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उनकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया है और चुनाव आयोग को इसकी विधिवत जानकारी भेज दी गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार को अवकाश होते हुए भी सचिवालय खोला गया, जिससे यह प्रक्रिया पूरी की जा सके।
यह मामला वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान 3 मार्च को मऊ नगर के पहाड़पुर मैदान में हुई एक जनसभा से जुड़ा है, जहां अब्बास अंसारी ने चुनावी मंच से प्रशासन को धमकी भरे शब्दों में ‘चुनाव बाद हिसाब लेने’ की बात कही थी। इस बयान को हेट स्पीच और आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए शहर कोतवाली में एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) डॉ. केपी सिंह की अदालत ने 31 मई को फैसला सुनाते हुए अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया और विभिन्न धाराओं में दो वर्ष की सजा तथा कुल 11 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। उनके साथी मंसूर अंसारी को भी धारा 120बी के तहत छह माह की सजा और एक हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया गया है।
अब इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव की घोषणा की संभावना है, जिस पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं।